पीएफ पर टैक्स का फैसला अब मोदी करेंगे
नई दिल्ली: अब इस बात का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे कि क्या सरकार को बजट में घोषित उस फैसले को वापस ले लेना चाहिए, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकाली जाने वाली रकम पर टैक्स लगाने की बात कही गई थी। इस कदम पर लोगों में काफी गुस्सा देखा गया।
सूत्रों का कहना है कि बजट प्रस्ताव को पूरी तरह वापस लिया जाना मुमकिन नहीं होगा, लेकिन सरकार देश के 6.5 करोड़ से भी ज़्यादा वेतनभोगियों को इस कदम से लगने वाले झटके को कम करने के रास्ते तलाश कर रही है।
सोमवार को अपने बजट भाषण में इस कदम की घोषणा करने वाले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को बीजेपी सांसदों को इस विवादास्पद कदम के बारे में जानकारी दी, और समझाया कि सरकार लोगों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय पाने की व्यवस्था करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है।
वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने ट्वीट किया, “हमने ईपीएफ/पीपीएफ/एनपीएस को लेकर टैक्स प्रावधानों में किए गए बदलावों पर लोगों में चिंता पर ध्यान दिया… इसे लेकर पूछे जा सकने सवालों के जवाबों के साथ ही पूरा स्पष्टीकरण जल्द ही सामने आएगा…” इस ट्वीट में उन्होंने राजस्व सचिव हसमुख अधिया को टैग भी किया है।
कुछ ही देर बाद राजस्व सचिव हसमुख अधिया के हवाले ने कहा, “ईपीएफ में अंशदान के 60 प्रतिशत हिस्से पर 1 अप्रैल के बाद मिलने वाले ब्याज की रकम पर ही टैक्स लगेगा… मूलधन पूरी तरह करमुक्त रहेगा…”। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि राजस्व सचिव बजट में की गई घोषणा पर स्पष्टीकरण दे रहे थे, या कोई नई घोषणा कर रहे थे।