जब महिलाओं को बराबर का हक तभी समाज आगे बढ़ेगा : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने महिला चालकों द्वारा चलाई जा रही आॅटो और ई-रिक्शा का शुभारम्भ किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाज आगे तभी बढ़ेगा, जब आधी आबादी को भी बराबर का हक और न्याय मिलेगा। समाजवादी हमेषा महिलाओं की बराबरी के पक्षधर रहे हैं। संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला हुआ है। समाज में भी उन्हें यह हक मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां हमसफ़र महिला सहायता केन्द्र व आशा ट्रस्ट द्वारा महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा ई-रिक्शा व आॅटो सेवा के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। सेवा की शुरुआत सात महिला चालकों द्वारा की जा रही है। ये सभी महिला चालक गरीब पृष्ठभूमि और हिंसा से जूझने के बाद अपना नया जीवन शुरु कर रही हैं। श्री यादव ने हमसफ़र ट्रस्ट सहित इस कार्य में लगे सभी संगठनों को बधाई देते हुए कहा कि इन संगठनों ने महिलाओं को रास्ता दिखाया है और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान के लिए काम किया है। सामान्यतः महिलाएं अपने दुःख और परेषानियां सामाजिक दबावों की वजह से जाहिर नहीं करतीं, जिससे उनका समाधान भी नहीं हो पाता है। इसलिए महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकार को मिलकर काम करना होगा।
हमसफ़र और आशा ट्रस्ट द्वारा प्रशिक्षित सात महिला ई-रिक्शा चालकों के हौसले की तारीफ करते हुए श्री यादव ने कहा कि पूरी दुनिया में आधी आबादी अपनी लगन, समर्पण और मेहनत के बल पर आगे बढ़ रही हैं। वे सभी क्षेत्रों में आगे आ रही हैं। सुश्री अरुणिमा सिन्हा के संघर्ष की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि सुश्री सिन्हा ने अपने अदम्य साहस, उत्साह, संघर्ष और श्रम के बल पर माउण्ट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की है। श्री यादव ने इस मौके पर यह घोषणा भी की कि इन सात महिला ई-रिक्शा चालकों को राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क ई-रिक्शा मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने इन ई-रिक्शा चालकों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया। इस अवसर पर महिला चालकों ने अपनी आप-बीती भी सुनाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम कर रही है। इस काम को जमीनी स्तर पर उतारने में सभी के सहयोग की जरूरत है। समाजवादी सरकार द्वारा चलाई गई ‘1090’ विमेन पावर लाइन का लाभ अभी तक 3 लाख से भी ज्यादा महिलाओं ने सफलतापूर्वक उठाया है। ‘1090’ में दर्ज महिला की षिकायत का निपटारा जब तक पूरी तरह से नहीं हो जाता, तब तक मामले को बन्द नहीं किया जाता और मामले के समाधान में पूरी सावधानी और गोपनीयता भी बरती जाती है। ‘1090’ के माध्यम से समाजवादियों ने महिलाओं को अपनी समस्याओं को दर्ज कराने का एक उपयुक्त मंच दिया है।
श्री यादव ने कहा कि असली समाजवाद तभी आएगा, जब महिला भी आर्थिक रूप से सक्षम और सम्पन्न हो। आर्थिक रूप से सक्षम महिला के प्रति परिवार के सदस्यों का व्यवहार और भाषा भी अच्छी होती है। इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने समाजवादी पेंषन योजना संचालित कर रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके तहत 45 लाख गरीब परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष में 55 लाख गरीब परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर परिवार की महिला मुखिया को 500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता सीधे उसके बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाती है। सम्पन्न व्यक्ति को यह राशि काफी छोटी लग सकती है, लेकिन गरीब परिवार के लिए यह काफी बड़ी राशि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न जनपदों में आशा ज्योति केन्द्रों का निर्माण करा रही है। इन केन्द्रों में एक ही स्थान पर महिलाओं की सभी समस्याओं का समाधान करके उनकी मदद की जाएगी। राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए की धनराशि से ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष’ का गठन किया है। किसी भी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाली महिला का सम्मान करके उसकी उपलब्धि को स्वीकृति व पहचान दिलाने के लिए इस कोष की धनराशि का इस्तेमाल किया जाता है। आगामी 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा इस कोष से ऐसी महिलाओं का सम्मान किया जाएगा।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रख्यात फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली सहित गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में छात्राएं और महिलाएं उपस्थित थीं।