अखिलेश ने पेश किया इरादों और विकास का बजट
लखनऊ: 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज वादों और तोहफो भरा बजट पेश किया। यह बजट पिछले बजट से 14.60 फीसद ज्यादा है। इस बजट को प्रदेश में आगामी चुनाव को देखते हुए काफी अहम माना जा रहा था। आज मुख्यमंत्री ने विधानसभा में शेरो-शायरी के बीच बजट पेश किया। वित्त मंत्रालय का भी कार्यभार संभाले अखिलेश ने कहा कि चुनावी वर्ष के नाते बजट में कई लोकलुभावन वायदे किये गये हैं। कुल व्यय में 253354.54 करोड़ रुपये राजस्व लेखे का व्यय है। मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए शेर पढा ‘जनता के लिए जिसके मन में प्यार नहीं है, जनतंत्र में वह कुर्सी का हकदार नहीं है।’
उन्होंने बजट को समाजवादी सरकार के मूल्यों और प्रतिबद्धताओं का आईना बताते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। बजट में 13,842 करोड़ रुपए की नयी योजनाएं भी शामिल की गई हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष और युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
बाद में विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रस्तावित बजट में 49960.88 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.04 फीसदी है। इसमें विद्युत कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना ‘उदय’ के तहत जारी की जाने वाली 13,303 करोड़ रुपए बंध पत्र भी शामिल हैं। इस राशि को छोड़ने पर राजकोषीय घाटा 36657.88 करोड़ रुपए होगा, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 फीसदी है। श्री यादव ने कहा कि पिछले 4 साल के दौरान प्रदेश के संतुलित विकास के साथ-साथ हर वर्ग और क्षेत्र की भलाई के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि संतुलित विकास से जहां एक ओर अवस्थापना निवेश और विकास दर में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर विकास का लाभ कमजोर वर्गों तक पहुंचा। शुरूआती वर्ष में जनता से किए वायदों को पूरा करने पर जोर दिया गया और इसमें सफलता भी मिली, जिससे सम्पूर्ण प्रदेश का संतुलित विकास हुआ। समाजवादी सरकार ने जितने बड़े पैमाने पर काम किया उतना अधिक काम देश में अन्य कही नहीं हुआ।
बुन्देलखण्ड के लिए विशेष
- ऽबुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए निधि का आकार 71 करोड़ 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए किया गया।
- ऽबुन्देलखण्ड में पेयजल की विशेष व्यवस्था के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽबुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र में सरफेस सोर्स आधारित ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽबुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए 338 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽबुन्देलखण्ड में टैंकर द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए 2 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽबुन्देलखण्ड में तिलहन प्लाण्ट के लिए 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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बिजली
- ऽअक्टूबर 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों को कम से कम 16 घण्टे एवं शहरी क्षेत्रों को 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का लक्ष्य। इसके अलावा वर्ष 2019-2020 से कटौती मुक्त 24ग्7 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु सरकार प्रतिबद्ध। इसके लिये कार्य योजना तैयार।
- ऽअक्टूबर 2016 तक विद्युत उपलब्धता 11,000 मेगावाट प्रतिदिन से बढ़ाकर लगभग 21,000 प्रतिदिन मेगावाट करने हेतु सभी प्रबन्ध कर लिये गये हैं।
- ऽग्रामीण विद्युतीकरण योजना में लगभग 1,73,000 गाँवों एवं मजरों के विद्युतीकरण हेतु लगभग 11,900 करोड़ रुपए की योजना। पिछले वर्ष एक लाख गांवों तथा मजरों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण।
- ऽग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घण्टे तथा कृषि कार्यों हेतु कम से कम 8 घण्टे बिजली की आपूर्ति के लिए राज्य फीडर सेपरेशन योजना के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपए की योजना।
- ऽकृषि क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के नलकूपों के ऊर्जीकरण के लिए 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽविद्युत वितरण कम्पनियों के वित्तीय पुनर्गठन की योजना ”उदय“ के क्रियान्वयन का भी निर्णय। जिसमें राज्य सरकार द्वारा 39,909 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता विद्युत वितरण कम्पनियों को दी जायेगी। इस महत्वपूर्ण कदम से वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और प्रदेश अबाध विद्युत आपूर्ति की ओर अग्रसर होगा।
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सड़क और पुल
- ऽलोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत सड़कों और सेतुओं के निर्माण तथा रख-रखाव हेतु 14,721 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण, चैड़ीकरण, सम्पर्क मार्गों, लघु सेतुओं तथा प्रमुख मार्गों और अन्य जिला मार्गों के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के नये कार्यों के लिये 541 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- ऽमार्गों के अनुरक्षण एवं मरम्मत हेतु 3,205 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽग्रामों/बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्गांे से जोड़ने हेतु कुल 1,923 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽग्रामीण अंचलों में नदियों एवं बड़े नालों पर पुलों के निर्माण हेतु 1,180 करोेड़ रुपए तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 635 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽजिला मुख्यालयों को 4 लेन मार्ग से जोड़ा जाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है, जिसके लिये 1,111 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमहत्वपूर्ण मार्गों का एक ’’कोर रोड नेटवर्क’’ चिन्हित कर सुदृृढ़ीकरण एवं चैड़ीकरण कराए जाने हेतु 310 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽपर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों के सौंदर्यीकरण/उच्चीकरण हेतु भी 75 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽविश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना हेतु 320 करोड़ रुपए तथा एशियन डेवलपमेन्ट बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश मुख्य जिला विकास परियोजना हेतु 260 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽभारत नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों में 257 किलोमीटर लम्बाई वाले मार्ग निर्माण हेतु 250 करोड़ रुपए तथा भूमि अध्याप्ति हेतु 220 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽविकास कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना में सड़क, पुल, पेयजल तथा स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, आदि को प्राथमिकता पर कराया जा रहा है। इस योजना के लिये 900 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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नगर विकास
- ऽस्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन तथा अटल मिशन फार रिजूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) योजनाओं, कार्यक्रमों के लिए क्रमशः 600, 600 तथा 700 करोड रुपए की व्यवस्था।
- ऽआदर्श नगर योजना में 200 करोड़ रुपए़, नगरीय सीवरेज योजना में 50 करोड रुपए, नगरीय पेयजल कार्यक्रम के लिए 335 करोड़ रुपए, नगरीय सड़क सुधार योजना के लिए 130 करोड़ रुपए तथा नगरीय जल निकासी योजना के लिए 140 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽआगरा पेयजल आपूर्ति परियोजना हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽनया सवेरा नगर विकास योजना हेतु 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽशहरी क्षेत्रों के अन्त्येष्टि स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽइलाहाबाद में संगम क्षेत्र में एलिवेटेड पहँुच मार्ग एवं फ्लाई ओवर निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽनगर निकायों में सौर ऊर्जा पाॅवर प्लाण्ट के माध्यम से स्ट्रीट लाइट और पेयजल की व्यवस्था कराये जाने की “डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नगरीय शहरी पुँज योजना” हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽशहरी यातायात विकास फण्ड हेतु लगभग 49 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽशहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में सी.सी. रोड, इंटरलाॅकिंग टाइल्स, नाली, जल निकासी एवं अन्य सामान्य सुविधाओं हेतु 385 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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आवास एवं शहरी नियोजन
- ऽलखनऊ विकास क्षेत्र और प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्रों और नगर क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलखनऊ में जय प्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽजनेश्वर मिश्र पार्क के संचालन और नवीनीकरण के लिये 150 करोड़ रुपए से काॅर्पस फण्ड के गठन का प्रस्ताव।
- ऽआगरा इनर रिंग रोड फेज-2 तथा फेज-3 के निर्माण के लिये 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलखनऊ में ’’शान-ए-अवध’’ संकुल के निर्माण के लिये 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए 814 करोड़ रुपए की व्यवस्था। (वर्ष 2015-2016 में लखनऊ मेट्रो के दिये गये थे 625 करोड़)। कानपुर एवं वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना के लिये 50-50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽप्रदेश के चयनित शहरों में माॅडल सिटीज के विकास के लिये 50 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
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सिंचाई
- ऽसिंचाई की नई योजनाओं के लिये 1,574 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽबाढ़ नियंत्रण की योजनाओं के लिये 745 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽकन्नौज के विकास क्षेत्र जलालाबाद एवं तालग्राम (डार्क जोन) में सिंचाई सुविधा हेतु 120 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽझाँसी में बेतवा नदी पर एरच के पास सिंचाई की बहुउद्देशीय परियोजना के लिये 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽअर्जुन सहायक परियोजना के लिये 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽसरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिये 2,157 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽगोमती नदी के चैनलाइजेशन के लिये 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽवरुणा नदी के चैनलाइजेशन और तटीय विकास के लिये 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽवाराणसी में गंगा नदी के घाटों के निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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लघु सिंचाई
- ऽप्रदेश के लगभग 78 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र में निजी लघु सिंचाई साधनों को बढ़ाने हेतु 549 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽनिःशुल्क बोरिंग योजना हेतु 36 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमध्यम गहरे नलकूप योजना हेतु 84 करोड़ रुपए तथा गहरी बोरिंग योजना हेतु 19 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽडाॅ. राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना हेतु 7 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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औद्योगिक विकास
- ऽआगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के निर्माण हेतु 4003 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलखनऊ-आजमगढ़-बलिया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे केे निर्माण के लिये 1,500 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽयमुना एक्सप्रेस-वे पर स्थापित किये जा रहे इलेक्ट्राॅनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर्स के लिये 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽपाॅवरलूम विकास योजना के लिये 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽएकीकृत औद्योगिक नगरी (संगम सिटी) क्षेत्र को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर इसमें एक विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव।
- ऽदिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर (डी.एम.आई.सी.) परियोजना के अन्तर्गत दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र एवं तीन अर्ली बर्ड परियोजनाओं, एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप, मल्टी माॅडल लाॅजिस्टिक हब एवं मल्टी माॅडल ट्राँसपोर्ट हब विकसित करने का निर्णय।
- ऽकालिन्दी कँुज से बाॅटेनिकल गार्डेन एवं नोएडा सिटी सेक्टर 32 से सेक्टर 62 तक मेट्रो लाईन का विस्तार किये जाने का निर्णय।
- ऽप्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “निर्यात नीति उत्तर प्रदेश, 2015-2020” जारी।
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परिवहन
- ऽउत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बस स्टेशनों के पुनर्निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽआजमगढ़ तथा गौतमबुद्धनगर में सम्भागीय परिवहन कार्यालय के निर्माण हेतु क्रमशः 17 तथा 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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बेसिक शिक्षा
- ऽसर्व शिक्षा अभियान के लिये 15,397 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को फल वितरण किये जाने की नई योजना के लिये 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽप्रदेश के ग्रामों/मजरों में विद्यालयों के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने के लिये 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमाॅडल प्राथमिक विद्यालयों के निर्माण हेतु 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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माध्यमिक शिक्षा
- ऽमाध्यमिक शिक्षा की विभिन्न योजनाओं के लिए 9,168 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽसंशोधित कन्या विद्याधन योजना के अन्तर्गत प्रति छात्रा 30 हजार रुपए की दर से प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि प्रदान किये जाने के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽ10वीं एवं 12वीं पास मेधावी छात्र/छात्राओं की तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क लैपटाॅप दिए जाने के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽअमेठी, मैनपुरी तथा झाँसी में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिये 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽसमस्त मण्डल मुख्यालयों पर स्थापित किये जाने वाले समाजवादी अभिनव विद्यालय परिसर में सह शिक्षा के आधार पर छात्रावास के निर्माण के लिये 72 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽउत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त अशासकीय/असहायिक विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय की व्यवस्था हेतु 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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उच्च शिक्षा
- ऽउच्च शिक्षा की योजनाओं हेतु 2,622 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽसिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के अवशेष निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने के लिए 25 करोड़ रुपए, इलाहाबाद में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए तथा बलिया में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽलखनऊ विश्वविद्यालय में शोध पीठ केन्द्र की स्थापना और आधारभूत सुविधाओं के उन्नयन के लिये 35 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽराजकीय महाविद्यालयों में लाइबे्ररी एवं काॅमन रूम में वाई-फाई की सुविधा हेतु ढाई करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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प्र्राविधिक शिक्षा
- ऽबस्ती एवं गोण्डा में एक-एक इंजीनियरिंग काॅलेज स्थापित करने का निर्णय।
- ऽमिर्जापुर में इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना करने हेतु 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽप्रदेश में 12 पाॅलीटेक्निक आॅफ इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी स्थापित करने का निर्णय।
- ऽप्रदेश की 18 महिला पाॅलीटेक्निक में इस वर्ष 15 महिला छात्रावास निर्मित कराने का प्रस्ताव।
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व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार
- ऽव्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन के माध्यम से आगामी वित्तीय वर्ष में 3 लाख युवाओं को विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।
- ऽप्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में स्थित 10 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु सौर ऊर्जा संयत्रों को स्थापित करने का लक्ष्य।
- ऽराजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को माॅडल आई0टी0आई0 के रूप में उच्चीकृत करने के लिए 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 3,000 ग्रामोद्योगी इकाईयाँ स्थापित करने का लक्ष्य। इनसे 60,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
- ऽ‘समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना’ के लिए 40 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽइनोवेशन सेल व स्टेट इनोवेशन फण्ड की स्थापना एवं इनोवेशन पुरस्कार की योजना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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चिकित्सा शिक्षा
- ऽप्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों तथा उनसे सम्बद्ध चिकित्सालयों एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय/चिकित्सा संस्थानों-(के0जी0एम0यू0, एस0जी0पी0जी0 आई0, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान तथा ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई) के लिए 4,572 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽकैंसर संस्थान लखनऊ के लिए वर्ष 2016-17 के लिए 310 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽराजकीय मेडिकल काॅलेज बांदा को शैक्षणिक सत्र 2016-17 से संचालित करने का लक्ष्य।
- ऽचंदौली में मेडिकल काॅलेज के निर्माण हेतु भूमि आवंटित। जौनपुर में मेडिकल काॅलेज के निर्माण का कार्य गतिमान।
- ऽकन्नौज में हृदय रोग एवं कैंसर संस्थान के निर्माण का कार्य प्रगति पर।
- ऽडाॅ0 राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल सांइसेज, लखनऊ में शैक्षणिक सत्र 2016-17 से एम0बी0बी0एस0 पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने का लक्ष्य।
- ऽके0जी0एम0यू0 में चिकित्सा शिक्षा, शोध और उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं सुलभ कराने के लिए इन्स्टीट्यूट आॅफ पीडियाट्रिक साइंसेज, इन्स्टीट्यूट आॅफ वीमेन हेल्थ, इन्स्टीट्यूट आॅफ आॅफ्थैल्मोलाॅजिकल साईन्सेज तथा इन्स्टीट्यूट आॅफ पैथालाॅजिकल साईन्सेज के नये विभाग खोलने का लक्ष्य।
- ऽराजकीय मेडिकल काॅलेज नजीबाबाद, बिजनौर की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपए का प्राविधान।
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खेल
- ऽबलिया में स्पोट्र्स काॅलेज की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽवर्ष 2016 में रियो डि जेनेरियो अन्तराष्ट्रीय ओलम्पिक खेलों में गोल्ड पदक विजेता को 6 करोड़ रुपए, सिल्वर पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए तथा काँस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए तथा इसी प्रकार टीम वर्ग में क्रमशः 3 करोड़ रुपए, 2 करोड़ रुपए एवं 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जायेगी। ओलम्पिक में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाडि़यों को दस लाख रुपए की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जायेगी।
- ऽराज्य के भूतपूर्व खिलाडि़यों की आर्थिक सहायता की राशि दोगुनी करते हुए क्रमशः 10,000 रुपए, 6,000 एवं 4,000 रुपए प्रतिमाह कर दी गई। अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार, पद्मश्री एवं पद्मभूषण से सम्मानित खिलाडि़यों को 20,000 रुपए प्रतिमाह देने का प्राविधान किया गया है।
- ऽखिलाडि़यों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए अच्छे प्रशिक्षकों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि की गई।
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कमजोर वर्गों की सामाजिक सुरक्षा और हिस्सेदारी
- ऽ‘समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में 55 लाख’ लाभार्थियों को आच्छादित करने का लक्ष्य। इसके लिए 3327 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽवृद्ध एवं अशक्तजनों के लिए गृहों के संचालन हेतु 60 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽवरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण हेतु अधिकरण/अपीलीय अधिकरण के संचालन हेतु 6 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽवृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के लिए 1550 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽराष्ट्रªीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽअनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं हेतु पूर्वदशम/दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के लिए लगभग 1950 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया।
- ऽपिछड़ा वर्ग के छात्रों हेतु पूर्वदशम/दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के लिए 1092 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽसामान्य वर्ग के छात्रों हेतु पूर्वदशम/दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के लिए 683 करोड़ रुपए की प्राविधान।
- ऽअनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी हेतु आर्थिक सहायता के रूप में क्रमशः 121 करोड़ रुपए, 1.30 करोड़ रुपए, 154 करोड़ रुपए, 82 करोड़ रुपए तथा 41 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽसीवर सफाई के दौरान मृत होने वाले सफाई कर्मियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की नई योजना। इस योजना के लिए 2 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽआसरा योजना (आवासीय भवन) के अन्तर्गत निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने हेतु 340 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽनिःशुल्क मोटर/बैटरी चालित ई-रिक्शा योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽराजीव आवास योजना के अन्तर्गत 60 करोड़ रुपए की बजट में व्यवस्था।
- ऽसबके लिए आवास (शहरी मिशन) योजना के लिए 277 करोड़ रुपए का प्राविधान।
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विकलांग कल्याण
- ऽडाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के अवशेष निर्माण कार्यों के लिए 28 करोड़ रुपए, विशिष्ट स्टेडियम के निर्माण हेतु 35 करोड़ रुपए तथा कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना हेतु 35 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- ऽमूक-बधिर बालिकाओं के लिए गोरखपुर में राजकीय संकेत इण्टरमीडिएट विद्यालय की स्थापना हेतु 4 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽमूक-बधिर बालक/बालिकाओं के लिए दो जनपदों में आवासीय संकेत इण्टर काॅलेज की स्थापना हेतु 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽदृष्टिबाधित बालिकाओं के लिए बांदा एवं मेरठ में राजकीय दृष्टिबाधित बालिका इण्टर काॅलेज की स्थापना के लिए 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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महिला एवं बाल कल्याण
- ऽगर्भवती महिलाओं हेतु फीडिंग कार्यक्रम के लिए 400 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽअतिकुपोषित बच्चों की फीडिंग योजना के लिए 125 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽपति के मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं तथा उनके बच्चों हेतु अनुदान योजना के तहत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के लिए 541 करोड़ रुपए अनुसूचित जाति एवं जनजाति की निराश्रित महिलाओं के लिए 96 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽस्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित वृद्ध महिला आश्रम योजना के लिए
- 6.50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽरानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्र के अन्तर्गत विभिन्न सुविधाएं सुलभ कराने के लिए 12 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽदो हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के उच्चीकरण का लक्ष्य। इसके लिए 13 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित।
- ऽबाल पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 3220 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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अल्पसंख्यक कल्याण
- ऽअल्पसंख्यक समुदाय की पूर्वदशम कक्षाओं के छात्र/छा़त्राओं की छात्रवृत्ति हेतु 537 करोड़ रुपए, दशमोत्तर छात्रवृत्ति हेतु 153 करोड़ रुपए एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽमान्यता प्राप्त मदरसों मक्तबों में आधुनिक शिक्षा देने के लिए 394 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽमल्टीसेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंन्ट प्लान के लिए 395 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽदारुल मुसन्नेफीन, आजमगढ़ को पुस्तकालय निर्माण हेतु 05 लाख रुपए की आर्थिक सहायता।
- ऽकब्रिस्तानों की चहारदीवारी निर्माण हेतु धनराशि 200 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए की गयी।
- ऽउ0प्र0 उर्दू अकादमी में उर्दू मास कम्यूनिकेशन एण्ड मीडिया सेन्टर खोला जायेगा।
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बुनकर कल्याण
- ऽपावरलूम विकास योजना के लिए 15 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽ60 वर्ष से अधिक आयु के हथकरघा बुनकरों के लिए पेंशन योजना हेतु 30 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽहथकरघा बुनकरों को रियायती दर पर विद्युत आपूर्ति हेतु 5 करोड़ रुपए तथा धुनकरों को सस्ती दर पर विद्युत आपूर्ति के लिए 2 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
- ऽ18 मण्डलीय जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस सेन्टर की स्थापना किया जाना प्रक्रियाधीन।
- ऽजिला चिकित्सालयों में प्लास्टिक एवं बर्न यूनिटों की स्थापना हेतु छः करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽदवाओं की खरीद के मद में 519 करोड़ रुपए का प्राविधान, जो वर्ष 2015-16 की तुलना में 58 करोड़ रुपए अधिक है।
- ऽचिकित्सकीय उपकरणों के क्रय हेतु 306 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽशहरों और गांवों के अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र के चिकित्सालयों की स्थापना, शैय्या वृद्धि तथा उपकरणों की व्यवस्था हेतु 37 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽ‘समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना’ में 6 लाख परिवारों को चिकित्सकीय लाभ सुलभ कराने हेतु 20 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 4576 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽ30 राजकीय चिकित्सालयों में स्वतंत्र विद्युत फीडर के लिए 19 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽग्रामीण क्षेत्रों में 50 शैय्या वाले चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽशहरी क्षेत्रों में 50 शैय्या वाले संयुक्त/महिला व अन्य चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽजामिया हाॅस्पिटल, पीली कोठी वाराणसी को आॅपरेशन थियेटर के सुदृढ़ीकरण हेतु डेढ़ करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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खाद्य तथा रसद
- ऽप्रदेश के 10 जनपदों में रियायती दर पर डबल फोर्टीफाइड नमक वितरण के लिए 134 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को द्वितीय चरण में, शेष 47 जनपदों में मार्च 2016 से लागू करने की योजना। प्रथम चरण में 28 जनपदों में इसे लागू किया जा चुका है।
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शांति, सुरक्षा
- ऽडायल 100 सेवा के विस्तार के लिए 456 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽपुलिस बल के आधुनिकीकरण हेतु 216 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
- ऽप्रदेश के 12 महानगरों में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु 111 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽस्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम को 11 और नगरों में लागू करने के लिए 161 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽस्टेट डिजास्टर रिस्पाॅन्स फोर्स के गठन के लिए 40 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽलखनऊ, इलाहाबाद, कन्नौज एवं झांसी में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
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न्याय
- ऽउच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के निर्माणाधीन नवीन भवन के निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए 400 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित।
- ऽअधीनस्थ न्यायालय की सुरक्षा हेतु सी0सी0टी0वी0 कैमरे की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽअधीनस्थ न्यायालयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु स्वतंत्र फीडर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽ500 अतिरिक्त न्यायालयों के सृजन/संचालन हेतु 50 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽन्यायिक अधिकारियों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽअनावासीय भवनांे के निर्माण हेतु 400 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित।
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अधिवक्ता कल्याण
- ऽअधिवक्ताओं के कल्याण हेतु 40 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित।
- ऽयुवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता सुलभ कराने हेतु कार्पस फण्ड बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित।
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कारागार प्रशासन एवं सुधार
- ऽकारागारों के निर्माण कार्याें के लिए 485 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽजनपद ललितपुर में नवीन जिला कारागार के निर्माण हेतु 10 करोड़ रुपए का प्राविधान।
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वन, वन्य जीवन, पर्यावरण एवं पर्यटन
- ऽवन्य जीवन के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु वन विभाग का नाम बदलकर वन एवं वन्य जीवन विभाग करने का निर्णय।
- ऽदुधवा टाईगर रिजर्व के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽनवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ में विभिन्न विकास कार्याें के लिए 10 करोड़ रुपए प्रस्तावित। लखनऊ एवं कानपुर प्राणि उद्यान में तितली पार्क के निर्माण हेतु 01-01 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽसीतापुर में ‘आचार्य नरेन्द देव स्मृति पार्क’ की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽवर्ष 2016-17 में बर्ड फेस्टिवल का आयोजन करने, मयूर संरक्षण केन्द्र की स्थापना किये जाने नवाबगंज पक्षी विहार, सांडी पक्षी विहार तथा लाख बहोसी पक्षी विहार के विकास के लिए 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- ऽशेखा झील, अलीगढ़ को ‘राष्ट्रीय पक्षी विहार’ के रूप में विकसित करने हेतु 01 करोड़ रुपए का प्राविधान।
- ऽवेटलैण्ड्स के ईकोलाॅजीकल तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हेतु 02 करोड़ रुपए प्रस्तावित।
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वाणिज्य कर
- ऽवाणिज्य कर से राजस्व संग्रह का 57,940 करोड़ रुपए का लक्ष्य, जो 2015-16 के बजट में निर्धारित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक है।
- आबकारी शुल्क
- ऽआबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 19,250 करोड़ रुपए निर्धारित जो वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में निर्धारित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक है।
- स्टाम्प एवं पंजीकरण
- ऽस्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 16320 करोड़ रुपए निर्धारित जो वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में निर्धारित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक है।
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वाहन कर
- ऽवाहन कर से राजस्व कर का लक्ष्य 5124 करोड़ रुपए निर्धारित, जो वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में निर्धारित लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक है।
- वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान
- ऽबजट का आकार 3,46,935 करोड़ रुपए है, जो वर्ष 2015-16 के बजट के सापेक्ष 14.6 प्रतिशत अधिक है।
- ऽबजट में 13,842 करोड़ रुपए की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।
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प्राप्तियाँ
- ऽवर्ष 2016-17 में 3,40,120.61 करोड़ की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं।
- ऽकुल प्राप्तियों में 2,81,555.44 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 58,565.17 करोड़ रुपए की पूंजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं।
- ऽराजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 2,06,893.60 करोड़ रुपए है। इसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1,05,637.10 करोड़ रुपए सम्मिलित हैं।
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व्यय
- ऽकुल व्यय 3,46,934.78 करोड़ रुपए अनुमानित है।
- ऽकुल व्यय में 2,53,354.54 करोड़ रुपए राजस्व लेखे का व्यय तथा 93580.24 करोड़ रुपए पूँजी लेखे का व्यय है।
- ऽआयोजनागत पक्ष के व्यय के लिए 1,26,,683.66 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
- राजस्व बचत
- ऽवर्ष 2016-17 में 28200.90 करोड़ रुपए की राजस्व बचत अनुमानित है।
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राजकोषीय घाटा
- ऽवित्तीय वर्ष 2016-17 में 49,960.88 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.04 प्रतिशत है, इसमें विद्युत कम्पनियों की वित्तीय पुनर्गठन योजना उदय के तहत जारी की जाने वाली 13,303 करोड़ रुपए बन्ध पत्र सम्मिलित हैं, इस राशि को छोड़ने पर राजकोषीय घाटा 36,657.88 करोड़ रुपए होता है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है।
- ऽराज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 30.3 प्रतिशत अनुमानित है। राज्य सरकार द्वारा ऋण लेने की निर्धारित सीमा के अन्दर ही ऋण लिया जायेगा।
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समेकित निधि
- ऽसमेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात 6,814.17 करोड़ रुपए का घाटा अनुमानित है।
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लोक लेखा
- ऽलोक लेखे से 7,200 करोड़ रुपए की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं।
- समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम
- ऽवर्ष 2016-17 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 385.83 करोड़ रुपए अनुमानित है।
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अन्तिम शेष
- ऽवर्ष 2016-17 में प्रारम्भिक शेष 179.55 करोड़ रुपए को हिसाब में लेते हुुए अन्तिम शेष 565.38 करोड़ रुपए होना अनुमानित है।