लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आई.टी. पाक्र्स के विकास के लिए प्रदेश के टियर-2 एवं टियर-3 के शहरों में तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक पार्क लगभग 15,000 वर्ग मीटर फ्लोर एरिया में विकसित किया जायेगा। आई.टी.एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आगरा में आगरा विकास प्राधिकरण की शास्त्रीपुरम योजना में दो एकड़ क्षेत्र का भूखण्ड भारत सरकार के उपक्रम एस.टी.पी.आई. को एस.टी.पी.आई. केन्द्र/साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से उपलब्ध करा दिया गया है। एस.टी.पी.आई. द्वारा भूखण्ड पर भवन निर्माण हेतु मानचित्र इत्यादि तैयार करा लिया गया है तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सी.पी.डब्लू.डी.) को निर्माण एजेन्सी के रूप में चयनित कर भवन निर्माण हेतु अग्रेतर कार्यवाही एस.टी.पी.आई. के स्तर पर की जा रही है। चयनित आर्कीटेक्चर द्वारा ड्राइंग आदि प्रस्तुत कर शीघ्र ही निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा।

इसी प्रकार मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा वेद व्यासपुरी आवासीय योजना में 2.5 एकड़ भूमि, एस.टी.पी.आई. को उपलब्ध कराये जाने हेतु चिन्हित कर ली गई है तथा इसका समझौता ज्ञापन इस माह में हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है। गोरखपुर तथा कानपुर हेतु भूमि के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी गई है और एस.टी.पी.आई. को शीघ्र ही उपलब्ध करा दी जायेगी, जिसके पश्चात भौतिक विकास कार्य एस.टी.पी.आई. द्वारा आरम्भ किया जायेगा।

लखनऊ में आईटी हब की स्थापना किये जाने हेतु 40 एकड़ भूमि चिन्हांकित कर ली गई है तथा प्रस्तावित भूमि आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के पक्ष में हस्तांतरित किये जाने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूर्ण कर ली जायेगी। मार्च-अप्रैल 2016 से सम्भावित निवेशकों का चयन कर निर्माण कार्य शीघ्र आरम्भ किये जाने की आशा है।

प्रदेश के टियर-2 और टियर-3 के नगरों में इस प्रकार विकसित आईटी पाक्र्स की स्थापना से जहाँ क्षेत्रीय विकास होगा, वहीं दूसरी ओर नये उद्यमियों को व्यवसाय आरम्भ करने के अवसर प्राप्त होंगे तथा रोजगार के नये अवसर उत्पन्न होंगे। क्षेत्र से निर्यात तथा सकल घरेलू उत्पादन में भी वृद्धि होगी।