कुष्ठ पीडितों के लिए मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय: नाईक
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने ‘कुष्ठावस्था विकलांग भरण पोषण अनुदान‘ योजना का शुभारम्भ किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विश्व कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर राजभवन में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास विभाग द्वारा ‘कुष्ठावस्था विकलांग भरण पोषण अनुदान‘ योजना का शुभारम्भ किया। समारोह में अनुदान स्वीकृति पत्र भी वितरित किये गये। कुष्ठ पीडितों को दैनिक जीवन के कार्यों को आसान बनाने हेतु ए0डी0एल0 किट भी प्रदान की गयी। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण करके उनके पुण्य दिवस पर अपनी एवं प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने गांधी जी को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने देश को आजादी दिलाई तथा समाज में जो जागृति का काम किया वह अविस्मरणीय है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुष्ठावस्था से प्रभावित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनका पुनर्वास भत्ता रूपये 2500 प्रतिमाह देने के उनके अनुरोध को स्वीकार किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि कुष्ठ पीडि़त को आवास हेतु रूपये 3 लाख 5 हजार का अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने रूपये 2500 निर्वहन भत्ता सीधे कुष्ठ पीडि़तों के बैंक खाते में भेजने का निर्णय लिया है, जो वास्तव में ऐतिहासिक काम है।
श्री नाईक ने कहा कि कुष्ठ पीडितों से संबंधित 17 ऐसे कानून है जिन्हें बदलने की जरूरत है। कुष्ठ रोग से प्रभावित विकलांगजन की समस्याओं को सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण समस्या बताते हुए राज्यपाल ने कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता उत्पन करने और इस विषय में फैली भ्रान्तियों को समाप्त करने पर बल दिया। कुष्ठ पीडितों का प्रशिक्षण होना चाहिए। पूरा समाज मिलकर काम करेगा तो इसका लाभ पात्रों को अवश्य मिलेगा। विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि कुष्ठ रोग का इलाज पूर्णतया संभव है और कुष्ठ रोग संक्रामक भी नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज के नवनिर्माण का काम करने के लिए लोग आये आयें।
राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने 2007 में कुष्ठ पीडि़तों के पुनर्वास हेतु एक याचिका संसद की याचिका समिति-2007 के समक्ष प्रस्तुत की थी। उस समिति के अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने अपनी रिपोर्ट में कुष्ठ रोगियों को रूपये 2000 मासिक पेंशन दिये जाने की संस्तुति की थी। राज्यपाल की सलाह पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रूपये 2500 प्रतिमाह निर्वहन भत्ता दिया जाना स्वीकार किया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गांधी जी को स्मरण करते हुए कहा कि गांधी जी से प्रेरणा लेकर सबको एक साथ लेकर चलने का सपना साकार करने की जरूरत है। गांधी जी ने गांवों की खुशहाली के लिए जो रास्ता दिखाया है वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कुष्ठ पीडि़तों के दुख के प्रति समाज को जागरूक किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुष्ठ पीडितों का निर्वहन भत्ता राज्यपाल के प्रयास से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ पीडि़तों के लिए पेंशन, आवास व अन्य सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करायी जायेंगी।
श्री अनिल कुमार सागर सचिव विकलांगजन विकास विभाग द्वारा समारोह के प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन दिया गया। उन्होंने बताया कि विकलांग जन संस्थान नई दिल्ली के सहयोग से जनपद फैजाबाद, रायबरेली एवं लखनऊ में कुष्ठ रोग से प्रभावित विकलांगजन को कृत्रिम अंग/उपकरण वितरित कराये जाने एवं अयोध्या में कुष्ठ आश्रम के संवासियों के लिये परिसर के अन्दर ही प्राइमरी विद्यालय संचालित कराने एवं आवासीय सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, विकलांगजन विकास के सलाहकार अनीस मंसूरी, कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं लाभार्थीगण उपस्थित थे।