यूपी में कम्प्यूटराइज्ड लर्नर लाइसेंस टेस्ट शुरू
ड्राइविंग लाइसेंस की आॅनलाइन शुरूआत इन्सानी जिंदगी को बचायेगी: यासर शाह
लखनऊ: प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यासर शाह ने आज यहां सम्भागीय परिवहन कार्यालय, ट्रांसपोर्टनगर में कम्प्यूटराइज्ड लर्नर लाइसेंस टेस्ट का फीता काटकर और कम्प्यूटर पर क्लिक करके शुभारम्भ किया। उन्होंने स्वयं साफ्टवेयर का परीक्षण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानव जीवन से ज्यादा कीमती एवं महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी हो और वे इसका पालन भी करें, इसका प्रयास होना बहुत जरूरी है। सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों से एक भी जिंदगी हमारे प्रयासों से बच जाये, यह हमारे एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आर0टी0ओ0 कार्यालय अब पब्लिक कन्वेनियंस के रूप में जाने जायेेंगे। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस में पारदर्शिता लाने के लिए तथा लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ये व्यवस्था लागू की गई है।
श्री शाह ने कहा कि लोगों को सुविधायें देने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस को कम्प्यूटराइज्ड किया गया है, इससे बच्चों को यातायात नियमों की अधिक से अधिक जानकारी भी होगी। उन्होंने कहा कि हर चालक तथा ड्राइविंग लाइसेंस धारक को सड़क पर वाहन लाने से पहले यातायात नियमों की बेसिक जानकारी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इन्सानी जिंदगी को बचाने के लिए ही ड्राइविंग लाइसेंस की आॅनलाइन शुरूआत की गई है। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ लोगों को भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई दी।
प्रमुख सचिव परिवहन श्री कुमार अरविन्द सिंह देव ने कहा कि परिवहन विभाग लोगों को सुविधाएं देने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करेगा ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने घर बैठे योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कार्ड, टैक्स पेमेंट, ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा परिवहन विभाग के और भी कार्यक्रम कम्प्यूटराज्ड कर दिये गये हैं।परिवहन आयुक्त के0 रविन्द्र नायक ने इस अवसर पर बताया कि उत्तर प्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर लर्निंग लाइसेंस अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष प्रदेश में 16 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं, जिसको रोकने के लिए परिवहन विभाग हर सम्भव प्रयास कर रहा है। इसी उद्देश्य से कानपुर, आगरा, तथा बरेली में चालकों के लिए आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की शुरूआत शीघ्र की जायेगी।
ए0आर0टी0ओ0 (मुख्यालय) संजय नाथ झां ने एन0आई0सी0 हैदराबाद द्वारा तैयार इस सारथी साफ्टवेयर के बारे में बताया कि इसमें आवेदकों को कुल 15 प्रश्नों के जवाब देने होंगे। हर प्रश्न के लिए 60 सेकेन्ड का समय निर्धारित है। हर प्रश्न के तीन विकल्प होंगे। 15 प्रश्नों में से 09 प्रश्नों का सही जवाब देने पर आवेदक टेस्ट में सफल हो जायेगा। इसके साथ टेस्ट में असफल आवेदकों का दूसरे दिन पुनः टेस्ट लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि आवेदकों को यातायात संकेतों एवं नियमों की जानकारी देने के लिए एक बुकलेट दी जायेगी, जिससे उन्हें यातायात नियमों एवं संकेत चिन्हों की जानकारी हो सकेगी।
इस अवसर पर ए0आर0टी0ओ0 (प्रशासन) श्रीमती ऋतू सिंह ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों को लाइसेंस टेस्ट की प्रक्रिया और सैम्पल प्रश्नों की जानकारी देने के लिए कार्यालय में तीन एल0ई0डी0टीवी लगायी जायेंगी। उन्होंने बताया कि लर्निंग ड्राविंग लाइसेंस के लिए अभी तक मैनुअल परीक्षा होती थी। कम्प्यूटर आधारित लर्नर टेस्ट प्रक्रिया में यातायात नियमों, संकेत चिन्हों, सड़क सुरक्षा, सड़क पर वाहन चलाने के नियम तथा वाहन सम्बन्धी दस्तावेज से प्रश्न पूछे जायेंगे। इस प्रक्रिया से लोगों में साइन्टिफिक टेम्परामेंट तथा ट्रैफिक सेंस के साथ यातायात नियमों के पालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में अपर परिवहन आयुक्त (पूर्वी) वी0के0 सिंह, उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र) ए0के0 पाण्डेय, सम्भागीय परिवहन अधिकारी सगीर अहमद अंसारी, आर0टी0ओ0 (प्रवर्तन) लक्ष्मीकांत मिश्रा के साथ अन्य विभागीय अधिकारी तथा आवेदक उपस्थित थे।