डाॅ0 ए0पी0जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के तेरहवें दीक्षान्त समारोह में पदम्श्री श्री ए0एस0 किरन कुमार, अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को मानद् उपाधि देकर सम्मानित किया। समारोह में 34 विद्यार्थियों को पीएच0डी0 की डिग्री तथा एम0टेक0, एम0फार्मा0, एम0आर्क0, एम0बी0ए0, एम0सी0ए0, बी0टेक0, बी0फार्मा0, बी0आर्क0 आदि की डिग्री प्रदान की गयी। राज्यपाल ने स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक पाने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया। समारोह में मुख्य अतिथि श्री राजनाथ सिंह केन्द्रीय गृहमंत्री, प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री फरीद महफूज किदवई, प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा श्री मुकुल सिंघल, कुलपति प्रो0 विनय पाठक सहित अन्य गणमान्य नागरिक व छात्र-छात्रायें उपस्थित थें। दीक्षान्त समारोह का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया था। 

राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 62 मेडल में छात्रों को केवल 14 मेडल मिले हैं जबकि छात्राओं को 48 मेडल प्राप्त हुए हैं। छात्रायें 77 प्रतिशत मेडल पा रही हैं और छात्र केवल 33 प्रतिशत पदक प्राप्त कर पाए हैं। छात्राओं का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में भी लड़किया आगे निकल रही है। उन्होंने कहा कि भारत की महिलायें सशक्त हो रही हैं, ऐसा दृश्य आज के दीक्षान्त समारोह में देखने को मिला।

श्री नाईक ने कहा पिछले दीक्षान्त समारोह में और आज के दीक्षान्त समारोह में दो परिवर्तन हुए हैं। पहला विश्वविद्यालय का नाम डाॅ0 कलाम के नाम पर किया गया है तथा दूसरा यह कि दीक्षान्त समारोह में भारतीय पोशाक का सुंदर ढंग से प्रयोग किया गया है। यह बदलाव का द्योतक है। डाॅ0 कलाम का नाम विश्वविद्यालय को देने के बाद यह याद रखना चाहिए कि यहाँ काम भी डाॅ0 कलाम के नाम के अनुरूप हो। हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को आर्शीवाद देते हुए कहा कि आपकी शिक्षा पूर्ण हो गयी है। आकाश में उड़ने की ताकत भी प्राप्त हो गयी है। निराशा से डरे नहीं बल्कि आदर्श नागरिक बनने का गौरव प्राप्त करें।

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दीक्षान्त समारोह शिक्षान्त समारोह नहीं है। जीवन मूल्यों और सिद्धांतों के बिना तकनीक का उपयोग समाज के लिए नहीं हो सकता। विज्ञान एवं तकनीक जीवन को सुगम बनाने के लिए उपयोगी है। उनका सकारात्मक उपयोग किया जाना चाहिए। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि चरित्र से मानव का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व निर्माण पर देश का निर्माण निर्भर है। 

श्री सिंह ने कहा कि प्रकृति के शाश्वत नियम होते हैं जिनकी अवहेलना घातक है। जाति, धर्म, मजहब के आधार पर भेदभाव को नकारते हुए वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश को समझें। सुशासन एवं विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए टेक्नोलाॅजी महत्वूपर्ण है। भारत विज्ञान एवं टेक्नोलाॅजी में किसी से पीछे नहीं है। गूगल एवं माइक्रोसाफ्ट के प्रमुख भारतीय मूल के हैं। उन्होंने कहा विश्व गुरू इसलिए बने ताकि दूसरे लोग आपसे प्रेरित हों।

प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) फरीद महफूज किदवई ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा रोजगारपरक और उद्योगपरक होनी चाहिए। देश को युवाओं से बहुत उम्मीद है। मुश्किलों से घबरायें नहीं, क्योंकि मुश्किलें ही रास्ता निकालेंगी।  व्यवसायिक शिक्षा महंगी हो रही है। उन्होंने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी काम कर रही है। श्री किदवई ने दीक्षान्त समारोह की भारतीय वेशभूषा की भी प्रशंसा की।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो0 विनय पाठक ने वार्षिक आख्या प्रस्तुत की तथा कुलसचिव श्री के0के0 चैधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।