लखनऊ:प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के आज उ0प्र0 के राजधानी दौरे से प्रदेश की आम जनता विशेषकर किसानेां को निराशा हुई है। अकाल से कराहते बुन्देलखण्ड के किसानों एवं प्रदेश में आत्महत्या कर रहे गन्ना किसानों के लिए राहत की कोई घोषणा न किये जाने से गरीबों, खासकर किसानों को झटका लगा है। प्रधानमंत्री का दौरा सिर्फ खोखली बयानबाजी तक सीमित होकर रह गया है। 

प्रदेश कंाग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन वीरेन्द्र मदान ने कहा कि केन्द्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा लागू की गयी डीबीटीएस(डयरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर स्कीम) योजना का नाम बदलकर जनधन योजना का नाम देकर अपनी योजना बताकर तथा विगत चालीस वर्षों में गरीबों के बैंक के दरवाजे न देखने की बात कहकर प्रधानमंत्री ने अब तक अपने द्वारा इस्तेमाल किये गये झूठे जुमलों को एक बार पुनः चरितार्थ किया है। सच्चाई तो यह है कि यूपीए सरकार द्वारा हजारों करोड़ रूपये बैंकों के माध्यम से लाखेां किसानों की कर्जमाफी किया गया था सही मायने में तो गरीबों एवं किसानों के लिए बैंकों के दरवाजे कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर खोले थे।

प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का दावा किये जाने को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है तो वह पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 10 वर्ष की आर्थिक नीतियों के कारण है। वरना  आज रूपयो अपने सबसे निचले स्तर पर है शेयर बाजार मोदी जी के सत्ता में आने पर जो स्थिति थी उससे भी नीचे चला गया है। मंहगाई अपने उफान पर है। आज पूरे देश में मंहगाई से आम जनता, किसान, नौजवान बेहाल है।   

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हैदरबााद के दलित छात्र की आत्महत्या मामले में घड़ियाली आंसू बहाने से अच्छा होता कि यदि प्रधानमंत्री इस मामले में तनिक भी गंभीर हैं तो उन्हें इस मामले में गलत बयानी करने वाली मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी को तत्काल मंत्रिमण्डल से बर्खास्त कर देना चाहिए तथा इस मामले में दोषी लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।