लखनऊ: प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राम सकल गुर्जर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीण अंचलों की युवा बालिकाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित किया जाए, ताकि इनकी प्रतिभा प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश एवं दुनिया में भी उजागर हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश मंे ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने के लिए पहली बार पुरस्कार योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत 23 मेधावी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जायेगा। ग्रामीण अंचलांे के युवा खिलाड़ियों को वरीयताक्रम के अनुसार 25, 15 व 10 हजार रूपये के पुरस्कार दिए जायेंगे।  

श्री गुर्जर आज यहां बापू भवन स्थित सभागार में युवा कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने, खासकर युवा बालिकाओं को खेल प्रति जागरूक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान खिलाड़ियों को पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। प्रतिस्पर्धाओं में विजेता खिलाड़ियों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये,  द्वितीय पुरस्कार के रूप में 15 हजार रुपये जबकि तृतीय पुरस्कार के रुप में 10 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे। 

श्री गुर्जर ने बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं में खेल के प्रति रूचि बढ़ाने में खासतौर से बल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी गांवों में जाएं और वहां की युवा बलिकाओं को खेल में हिस्सा लेने के लिए जागरूक करें। साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने सख्त लहजे मंे कहा कि सरकार जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से नही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए जो धनराशि आवंटित की जाती है अधिकारी उसका सही ढंग से उपयोग नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सरकार 15 हजार रूपये की धनराशि देती है, लेकिन अक्सर इसका सदुपयोग नही होता है। यह स्थिति अत्यन्त ही आपत्तिजनक है। इसमें सुधार लाया जाय, अन्यथा संबंधित को बख्शा नही जायेगा। 

राज्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर भी खेल प्रतियोगिताएं कराई जाएं और इनका व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाए, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रत्येक गांव का चिन्हांकन कर खेल का मैदान विकसित किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि जिन जनपदों के अधिकारियों ने खेल के मैदान के चिन्हांकन की कार्यवाही नही की है, उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित व्यायाम शालाओं को भी सुचारू रूप से संचालिए करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। 

बैठक के दौरान श्री गुर्जर ने विभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां भी निर्माण कार्य हो रहे हैं, उनको तय समय सीमा के अन्दर करना सुनिश्चित किया जाए। कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित अविध के भीतर ही निर्माण कार्य को पूर्ण कराएं। साथ ही इसकी सूचना विभागीय मेल आईडी पर भी भेजें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों की खेल सामग्री को तुरन्त नई ग्राम पंचायतों को हैंड ओवर किया जाए। उन्होंने विभागीय आडिट आपत्तियों तथा लम्बित कोर्ट केस की गहन समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि इनका निस्तारण समयबद्ध रूप से किया जाए।  

बैठक में प्रमुख सचिव अनीता भटनागर जैन, महानिदेशक एम0एल0पाण्डेय, विशेष सचिव दिनेश चन्द्र सहित जनपदीय स्तर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।