लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने कहा है कि कई राज्यों में विधानसभा व पंचायत चुनावों में हार के बाद केंद्र सरकार को किसानों की सुध आई है और उसने किसानों के लिए 85 अरब रुपये का बीमा कार्यक्रम चालू किया है।

पार्टी राज्य सचिव रामजी राय ने एक बयान में कहा कि सही रुप में लागू होने पर इसका लाभ किसानों को मिलेगा, लेकिन यह भी सच है कि इसका लाभ बटाईदार किसान नहीं उठा पाएंगे। क्योंकि वे जमींन के मालिक नहीं हैं और उनके हक में कोई कानून भी नहीं है।

राज्य सचिव ने कहा कि खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में खेती बटाईदार किसानों के बल पर हो रही है, वे ही वास्तविक किसान हैं। यदि बटाईदारी कानून इनके हक में बने, तभी ये केंद्र सरकार के उक्त कार्यक्रम का लाभ पा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अबतक हजारों की तादाद में किसान आत्महत्या कर चुके हैं। पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार ने भी सब्सिडी दी थी, किसानों के ऋण माफ किये थे, लेकिन आत्महत्याएं नहीं रुकीं। पिछले तीन सालों में ही 3300 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। इसलिए असल बात कृषि संकट की है और उसे हल किये बगैर किसानों और कृषि का भला नहीं हो सकता। इसके लिए जरुरी है कि मौजूदा कृषि नीतियों में बदलाव किया जाये।

माले नेता ने इसी के साथ बटाईदार किसानों के हक में कानून बनाने की मांग की।