लखनऊ: प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति रिटायरमेंट की उम्र तक होगी। उर्दू विषय के 3500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मंगलवार को जो शासनादेश जारी हुआ है उसमें अधिकतम आयुसीमा 62 साल रखी गई है। ये कवायद 11 अगस्त 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्रीधारकों और भूतपूर्व सैनिकों को शिक्षक बनाने के लिए की जा रही है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की अधिकतम आयु 50 साल है। लेकिन अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर मोअल्लिम-ए-उर्दू और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आयु सीमा 62 साल कर दी गई है। इससे पहले 17 अगस्त 2013 को 4280 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में भी आयुसीमा 62 साल रखी गई थी।

प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए अगस्त 2013 में शुरू हुई प्रक्रिया में 1939 पद खाली रह गए थे। ढाई साल पहले 2341 पद ही भरे जा सके थे।

प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती में उर्दू से स्नातक या परास्नातक के साथ सामान्य बीएड और टीईटी पास अभ्यर्थी भी अवसर देने की मांग कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि इस भर्ती में अवसर नहीं मिला तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मंडल के चार जिलों में 241 उर्दू शिक्षकों की भर्ती होगी। सबसे अधिक प्रतापगढ़ में 101 पद हैं। इलाहाबाद में 52, कौशाम्बी में 20 और फतेहपुर में 68 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। 11 अगस्त 1997 से पहले मोअल्लिम ए उर्दू करने वालों के लिए यह भर्ती शुरू की गई है लिहाजा उन्हें पहले अवसर दिया जाए। यदि सीट बचती है तो दूसरे योग्य अभ्यर्थियों को अवसर मिलने से हमें कोई तकलीफ नहीं है।