नई दिल्ली: टॉप सूत्र से मिली जानकारी को मानें तो पठानकोट वायुसेना कमान में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक के बीच 15 जनवरी को होने वाली विदेश सचिव स्‍तर की बातचीत टल सकती है। भारत का कहना है कि पाकिस्‍तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे, तभी बात बनेगी। यह बातचीत इस्‍लामाबाद में होनी थी। पठानकोट हमले से जुड़े सबूत पाकिस्तान को भारत की ओर से दे दिए गए हैं और कहा गया है कि सबूतों पर पाकिस्तान ठोस कार्रवाई करे, इसी के बाद बातचीत होगी।

टॉप सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, जैश का सरगना मसूद अजहर इस पूरे हमले का मास्टरमाइंड है। पाक में बैठे हैंडलर पठानकोट में आतंकियों को निर्देश दे रहे थे। सूत्रों का कहना है कि किसी एयरबेस पर ले जाकर आतंकियों को सबकुछ सिखाया गया ताकि पठानकोट में आतंकियों को अजीब न लगे और वे ऑपरेशन को सही से अंजाम दे सकें।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के चकलाला और लायलपुर एयरबेस पर ट्रेनिंग दी गई हो सकती है। इन आतंकियों की पूरी कोशिश यह थी कि दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को डीरेल किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, हैंडलर बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में थे। आतंकी एयरबेस के बारे में काफ़ी जानकारी रखते थे। आतंकी एल्युमिनियम पाउडर के साथ भी आए थे। आग लगाने के लिए एल्युमिनियम पाउडर के साथ आए थे। आतंकियों के पास एयरबेस पर हमले के लिए हथियार भी थे।

सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों ने की सटीक और तेज़ कामयाब कार्रवाई की गई। कमांड और कंट्रोल कोई कन्फ़्यूज़न नहीं था। थलसेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सुहाग के साथ मिलकर प्लैन बनाया गया। सबसे वरिष्ठ फौजी कमांडर के हाथ में कमान दी गई थी। सबसे वरिष्ठ फौजी कमांडर के हाथ में कमान दी गई थी। NSG के IG मेजर जनरल दुष्यंत सिंह के हाथ में कमान दी गई थी। मेजर जनरल दुष्यंत सिंह पहले इस इलाके में रह चुके हैं। NSG में सारे कमांडो फौज के ही थे। NSG को आतंकी हमलों से निपटने की पूरी ट्रेनिंग दी गई थी। सेना की नौ कॉलम को ऑपरेशन में लगाया गया।