वहाबी आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले मौलवियों के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार: मजलिसे उलमाये हिन्द
लखनऊ: मजलिसे उलमाये हिन्द के सदस्यों ने इंडियन एक्सप्रेस में छपे आतंकवादियों का समर्थन करने वाले मौलवियों के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की जिसमें उन मौलवियों ने कहा है कि शहीद बाकिरा उलनिम्र को फांसी देने का उदाहरण अजमल कसाब की फांसी की तरह है और सऊदी अरब के कानून के अनुसार सही है।
मजलिसे उलमाये हिन्द की जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि देश भर में मौजूद सदस्यों ने कहा कि वे लोग शहीद बाकिर उल निम्र का समर्थन कैसे कर सकते हैं क्योंकि सऊदी अरब में जिस विचारधारा ने उनका सिर कलम किया है उसी विचारधारा को ये लोग भारत मै बढावा दे रहे हैं, मजलिसे उलमाये हिन्द ने कहा कि भारत सरकार किस दिन का इंतजार कर रही है अब तो आतंकवादी संगठनों के समर्थकों के चेहरे उनके सामने आ चुके हैं उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता है।यह दुखद प्रक्रिया है के भारत में रहकर जो लोग आई0एस0 का समर्थन करते हों, बगदादी को खलीफा स्वीकार करते हैं और उसे पत्र लिख कर अपने समर्थन की घोषणा करते हों वह आजाद घूम रहे हैं क्या सरकार इन्हें देश की सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा नहीं मानती है, यह मौलवी सुन्नी नहीं हैं क्योंकि सुन्नी तो सऊदी सरकार का पूरी दुनिया में विरोध कर रहे हैं, सऊदी में सुन्नी हनफी आलिम को भी फांसी हुई है ये लोग वहाबी विचारधारा के मौलवी हैं जो भारत का माहौल खराब कर रहे हैं । इन मौलवियों के इतना ज्ञान नहीं है के अजमल कसाब एक आतंकवादी था जिसने हमारे देश में घुसकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया था और शहीद बाकिर उलनम्रि अपने देश में रहकर अल्पसंख्यकों और मानव अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे थे ।
मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि इन लोगों को शायद पता नहीं है कि शहीद बाकिर उल निम्र सऊदी अरब के अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज थे जिस में शिया व सुन्नी दोनों शामिल हैं। वह मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रयासरत थे, उनके खिलाफ जहर उगल कर सऊदी अरब एजेंट साबित कर रहे हैं कि वे किस विचारधारा की पैरवी करते हैं। मौलाना ने कहा कि सरकार पर स्पष्ट हो चुका है कि भारत का वातावरण किस मानसिकता के लोग खराब करना चाहते हैं इसके बाद भी यदि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वह दिन दूर नहीं है जब भारत की स्थिति भी अरब देशों की तरह होगी, और हमारे शांतिपूर्ण देश में भी वहाबी आतंकवाद की घटनायें जोर पकड़ने लगेंगी।
मौलाना जलाल हैदर नकवी महासचिव मजलिसे उलमाये हिंद ने कहा कि शहीद बाकिर उल निम्र सऊदी अरब में अल्पसंख्यकों की आवाज थे लिन्हे इसी अपराध में मार कतल किया गया है। जिन लोगों ने शहीद निम्र की हत्या को वैध ठहराया है उनके नजदीक जो भी अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाए उसे फांसी दी जा सकती है।