भूकंप के झटकों से थर्राए पूर्वोत्तर राज्य, 6 की मौत
इम्फाल: पूर्वोत्तर क्षेत्र आज 6.7 तीव्रता का तेज भूकंप आया जिससे कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। भूकंप का केंद्र मणिपुर में था और इससे कई इमारतें ढह गईं तथा लोग दहशत में आ गए। मणिपुर में सुबह 4 बज कर 35 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र तमेंगलोंग जिले में 17 किमी की गहराई पर था।
राष्ट्रीय आपदा मोचन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार ‘अब तक इंफाल से पांच लोगों के मारे जाने और 33 के घायल होने की खबर है। कुछ इमारतों, रिहायशी इकाइयों और सरकारी कार्यालयों को भी नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट है। इनमें इंफाल की एक छह मंजिला इमारत भी शामिल है।’
सूत्रों के अनुसार, भूकंप जब आया तब लोग सो रहे थे। झटके के कारण दहशत में आए लोग अपने घरों से बाहर निकले। तमेंगलोंग में बाजार परिसर सहित कई इमारतें ध्वस्त हो गईं, कई में दरारें आ गईं। भूकंप के तत्काल बाद राज्य में बिजली ठप्प हो गई। पुलिस ने बताया कि तमेंगलोंग जिले में एक इमारत गिरने से एक लड़की की मौत हो गई जबकि इम्फाल पश्चिम जिले के ताओबंगखोक गांव में एक अन्य व्यक्ति मारा गया।
असम के आयुक्त एवं सचिव प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि भूकंप के कारण गुवाहाटी और असम के अन्य इलाकों मे करीब 20 लोग घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि कम से कम 30 इमारतों में भूकंप के कारण दरार आ गई। इस बीच मणिपुर में रिक्टर पैमाने पर 3.6 तीव्रता के भूकंप के ताजा झटके फिर महसूस किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने फिलहाल असम में मौजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उन्हें भूकंप से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने को कहा है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और क्षेत्र के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की और स्थिति का जायजा लिया।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में भूकंप के बाद उत्पन्न हालात पर सक्रिय रूप से नजर रखे हुए है।’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के दो दलों को विमान से गुवाहाटी से इम्फाल भेजा गया है। एनडीएमए ने कहा कि वह राज्य सरकारों, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, एनडीआरएफ, दूरसंचार मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों तथा खोज, राहत एवं बचाव एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों मणिपुर, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड तथा पश्चिम बंगाल में नियंत्रण कक्ष तथा राहत आयुक्तों के साथ एनडीएमए ने बात की है।