राजनारायण खुद में एक आन्दोलन थे: ओम प्रकाश सिंह
लखनऊ: हिन्दी संस्थान निराला सभागार मे आज लोक बन्धु राजनारायण के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर समाज में विभिन्न क्षेत्रो मे कार्य करने वाले लोगो को लोकबन्धु राजनारायण सम्मान एवं पत्रकारिता क्षेत्र मे कलम के सिपाहियो को स्व० जयप्रकाश शाही सम्मान से उ० प्र० के काबिना मंत्री ओम प्रकाश सिंह द्वारा शाल एवं प्रशिस्त पत्र देकर विभूषित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए काबिना मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने लोकबन्धु राजनारायण के जीवन के प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत ही गौरव का है, उन्होने कहा कि राजनारायण खुद में एक आन्दोलन थे वह जहंा खडे हो जाते थे वहां आन्दोलन शुरू हो जाता था। बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय के अगर किसी छात्र के साथ कोई अन्याय होता था तो राजनारायण जी मज़बूत चटटान कि तरह खडे दिखते थे विश्वविद्यालय के हर आन्दोलन मे हम लोगो के साथ देते थे उन्होने कहा कि वह किसी भी परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम थें। इस अवसर पर श्री दाऊ जी गुप्ता ने मा० लोकबन्धु के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनिल दुबे ने भी राजनारायण एवं स्व० जयप्रकाश शाही पर विस्तार से परिचर्चा की। इस अवसर से कार्यक्रम के संयोजक राजनारायण जी के शिष्य रहें सोशलिस्ट नेता श्री शाहनवाज़ क़ादरी ने कहा कि आज समाज मे बढती साम्प्रादियकता, जातिवाद, असिहष्णुता, भष्टाचार के खातमे के लिए राजनारायण जी की विचार धारा व उनके बताये समाजवादी संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है। जो देश की बिगडती हुई समाजिक संरचना को रास्ते पर ला सकती हैं। इस अवसर पर स्व० जय प्रकाश शाही की पत्नी एवं पुत्री एवं दामाद सहित विशेष तौर से उपस्थित रही कार्यक्रम में विशेष तौर से उबैद ख़ां, नफीस मन्सूरी, वसीम सिददीकी, सययद अश्फाक हुसैन, नावेद नकवी, आदि लोग उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार मा० धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव जी ने की तथा संचालन उर्दू पत्रकार श्री आमिर साबरी ने किया स