मुसलमानों को तालीमी हथियार से लैस करना बहुत जरूरी: मौ0 सईदुर्रहमान
दहशतगर्दी का इस्लाम और मुसलमानों से कोई ताल्लुक नहीं है: मौलाना असद महमूद मदनी।
लखनऊ: इस्लाम तमाम इन्सानियत के लिये रहमत है इसको एक मजहब के मानने वालों तक महदूद कर देना सरासर गलत है। यह बात जमियत उलमा उत्तर प्रदेश के महासचिव मौलाना असद महमूद मदनी ने तहरीक उमर के बैनर तल मन्अकिद इस अज़ीमुश्शन इज्लास को खिताब करते हुए कही, उन्होंने ने कहा कि हिन्दुस्तानी मुसलमानों के मौजूदा हालात इस बात का तक़ाजा करते हैं कि मुसलमान शरीयत और सुन्नत कुराआन ओ हदीस को मजबूती के साथ थामे और सियासी ऐतबार से इत्तेहाद का मुज़ाहिरा करें। क्योंकि उ0प्र0 का असेम्बली इलेक्शन सिर्फ रियासत ही नहीं बल्कि पूरे मुल्क की तकदीर बदलती है।
मेहमान खुसूसी मौलाना तौकीर रजा खान बरेवली सदर इत्तेहद मिल्ल काउन्सिल ने इस तारीखी इज्लास में फ़रमाया कि मुसलमानों के मौजूदा हालत का सामना सब्र के साथ मुत्तहिद होकर करना होगाए मिल्लत के मसायल के लिये ज़ाती मफाद को कुरबान करना होगा। और अपने शब्र पर रहते हुए मिल्ली इत्तेहाउद के लिये सरगर्मे अमल होना होगा।
तहरीक उमर के बैनर तल मन्अकिद इस अज़ीमुश्शन इज्लास के सदर दारूल उलूम नदवतुल उलमा के मोहतमिम मौलाना डाक्टर सईदुर्रहमान अपने सदारती खिताब में फरमाया कि मुसलमानों को तालीमी हथियार से लैस करना बहुत जरूरी है। तमाम बुराईयों का यही इलाज हैं साथ उन्होंने तहरीक के जिम्मेदारान का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि नौजवानों को आगे आकर मुल्क की तरक्की में अपना किरदार अदा ही करना ही होगा।
इस प्रोग्राम के रूहो रवां मौलाना सईद अतहर कासमी सदर तहरीक उमर सोसायटी ने अपने मुख्तसर खिताब में कहा कि मिल्लत इस्लामिया हिन्द को अब दूसरों का सहारा छोड़ कर अपने कदमों पर खड़ा हाने होगा क्योंकि मरकजी व सूबाई हुकूमतें मुसलमानों को लुभावने वाद कर बहलाती है।
जमीयत उलमा हिन्द के रियासती सदर मौलाना मतीनुल हक उसामा साहब कासमी ने तहरीक उमर सोसायटी के नौजवानों की हौसला अफजाई करते हुए फरमाया कि उ0प्र0 के मुसलमानों को इस वक्त उ0प्र0 के मुसलमानों को इस वक्त बड़े ही समझदारी और तहम्मिल का मुजाहिरा करना होगा और पसमान्दा तबकात के साथ मिलकर फिरका परस्त ताकतों का मुकाबला करना होगा।
फलाही बैतुल माल के सदर मौलाना जहाँगीर आलम कासमी ने कहा कि सभी सियासी पार्टियां मुसलमानों को वोट बैंक समझकर मुसलमानों से किये गये वादों पर अभी तक नजरे सानी भी नहीं की है।
दारुल उलूम नदवतुल उलमा के शैखुल तफसीर मौला सुहैबुल हसन नदवी ने फरमाया कि दीन इस्लाम में कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के साबिक उस्ताद सर सैयद फोरम के सदर प्रो0 शकील अहमद सम्दानी ने कहा कि हिन्दुस्तानी मुसलमानों के मौजूदा हालात इस बात का तकाजा करते हैं कि कि वह कुरआन सुन्नत और शरीयते मोहम्मदिया को मजबूती के साथ थामें, साथ ही सियासी बेदारी और इत्तेहाद का मुजाहिरा करें। यू0पी0 असेम्बली इलेक्शन में पस्मान्दा तबकात के साथ मिलकर सियासी बेदारी का सुबूत दें।
देर रात तक चलने वाले इस इजलास की निज़ामत के फरायज़ मारूफ कलमकार मेहदी हसन ऐनी कासमी ने बहुस्न खूबी अदा किये।
प्रोग्राम को कामयाब बनाने वालों में मौलाना मोहम्मद हातिब कासमी, सैयद आरिफ, मुस्तफा, नवेद अहमद, सै0 मो0 फैजान, मो0 फहद उर्फ सद्दाम, मो0 फीरोज उर्फ चीनू, मो0 रिजवान भाई जी, मो0 शाहनवाज, मो0 फुरकान उर्फ बाबा, मो0 शुऐब, मो0 शरीफ, मो0 इस्लाम, मो0 अहमद, असद , मो0 सलमान उर्फ इशरत व सैफ सिद्दीकी समेत तहरीक से वाबस्ता तमाम अफराद कारकुनान का शुक्रिया अदा किया।
आखिर में तहरीक उमर के सदर व कन्वीनर ने हजारों की तादाद में मौजूद शुरका और अवाम का शुक्रिया अदा किया।