किसानों की खुशहाली के बिना प्रदेश का विकास सम्भव नहीं: मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसानों की खुशहाली के बिना राज्य का विकास सम्भव नहीं है। इसीलिए राज्य सरकार ने वर्तमान वर्ष को ‘किसान वर्ष’ घोषित करके गांव एवं किसान की तरक्की के लिए हर सम्भव मदद उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक तरक्की सुनिश्चित करने के लिए उन्हें वैज्ञानिक तौर-तरीकों से खेती करने हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्हें लाभकारी कृषि मूल्य दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों को जागरूक करने एवं कृषि आधारित अन्य गतिविधियों को अपनाने पर बल देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में बदलाव का सबसे अधिक असर किसानों को झेलना पड़ रहा है। इसलिए सभी को मिलकर वर्तमान परिस्थितियों में पर्यावरण की हिफाजत के लिए कदम उठाना होगा।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह के 113वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम ‘किसान सम्मान दिवस’ को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने धान, मक्का, अरहर, उर्द, सोयाबीन, गेहूं, चना, मटर, मसूर तथा राई एवं सरसों की फसलों में प्रति हेक्टेयर उच्च उत्पादकता प्राप्त करने वाले 30 किसानों को फसलवार क्रमशः प्रथम पुरस्कार के लिए 20 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार के लिए 15 हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार के लिए 10 हजार रुपए, एक शाॅल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इसके साथ ही श्री यादव ने औद्यानिक, पशुपालन, गन्ना तथा मत्स्य क्षेत्र में अच्छा उत्पादन करने वाले दो-दो किसानों एवं प्रगतिशील कृषक श्री शिवराम सिंह को क्रमशः 15-15 हजार रुपए, एक शाॅल तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी0बी0टी0) योजना के तहत अच्छा कार्य करने के लिए विभागीय अधिकारियों को भी सम्मानित किया तथा एक क्लिक के माध्यम से इस योजना के तहत अब तक पंजीकृत 37 लाख किसानों को एस0एम0एस0 करके किसान दिवस के लिए शुभकामना संदेश भी प्रेषित किया। इस मौके पर उन्होंने कृषि तकनीक के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए 24 राजकीय कृषि प्रचार वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर जनपदों के लिए रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में किसान दिवस मनाया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए तमाम फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा, तब तक देश एवं प्रदेश तरक्की नहीं कर सकता। राज्य सरकार किसानों की खुशहाली के लिए अगले वित्तीय वर्ष को भी किसान वर्ष के रूप में मनाने पर विचार कर सकती है, जिससे प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिले और प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
श्री यादव ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए कई कदम उठाए हैं। उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम धनराशि की व्यवस्था की गई, जिसके फलस्वरूप पूरे प्रदेश में कहीं भी किसानों को कतार में लगकर खाद लेने की नौबत नहीं आयी। उनकी जरूरत के हिसाब से उन्हें उर्वरक उपलब्ध कराया गया। पहली बार गन्ना पेराई सत्र में राज्य सरकार ने एकमुश्त प्रति कुन्तल 40 रुपए गन्ना खरीद मूल्य निर्धारित करने का काम किया। पहले से बंद और बिकने के लिए तैयार खड़ी चीनी मिलों को पुनः चालू कराया। राज्य सरकार ने चीनी मिलों एवं किसानों के बीच संतुलन बनाने का काम किया। इसीलिए किसानों को अतिरिक्त मूल्य देने के लिए लगभग 03 हजार करोड़ रुपए बजट में व्यवस्था की गई। इस प्रकार का कदम अन्य राज्य सरकारों जैसे महाराष्ट्र और कर्नाटक आदि द्वारा नहीं उठाया गया। इसी प्रकार आदरणीय नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू की गई किसान दुर्घटना बीमा को बढ़ाकर 05 लाख रुपए किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आर्थिक सहायता किसी राज्य सरकार द्वारा किसानों के असामयिक मृत्यु पर उनके परिजनों को नहीं दी जाती है। इसी प्रकार निःशुल्क सिंचाई की व्यवस्था, सोलर इनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सोलर पम्प पर अनुदान तथा कामधेनु डेयरी परियोजना को चलाकर किसानों को राहत पहुंचाई जा रही है।