मोबाइल फ़ोन धारकों में ICICI बैंक का ‘पॉकेट्स’ हिट
75 प्रतिशत ग्राहक दूसरे बैंकों के, 28 लाख लोगों ने किया डाउनलोड
लखनऊ: आईसीआईसीआई बैंक ‘पाॅकेट्स’ को लाॅन्च के कुछ महीनों के भीतर 2.8 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया। दिलचस्प कि इन यूज़र्स में से 75 प्रतिशत आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक नहीं हैं।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक ने वित्त वर्ष 2015 में लगभग 16000 करोड़ रु. मूल्य का ट्रांजेक्शन दर्ज कराया, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही को पहले ही पार कर चुका है। बैंक द्वारा मोबाइल बैंकिंग जगत में बैंक के तेजी से बढ़ते कदम का यह सबूत है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष सितंबर में 7,800 करोड़ रु. मूल्य का ट्रांजेक्शन दर्ज कराने के बाद, वर्तमान में आईसीआईसीआई बैंक मोबाइल बैंकिंग क्षेत्र में पहले स्थान पर है। वाॅल्यूम की दृष्टि से, यह बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच सबसे आगे है।
इस लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चंदा कोचर ने कहा, ‘‘आज का युवा हर चीज चलते-फिरते फटाफट चाहता है। ‘पॉकेट्स’ युवाओं की इस आवश्यकता को पूरा करता है और इसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन पर खाता खोल सकता है और तत्काल ट्रांजेक्शन शुरू कर सकता है। हमें विश्वास है कि ‘पॉकेट्स’ देश में डिजिटल भुगतानों के भविष्य को आकार देने में मदद करेगा।
‘पॉकेट्स’ एप्लिकेशन को कोई भी व्यक्ति, वो चाहे आईसीआईसीआई बैंक का ग्राहक हो या नहीं, गूगल प्लेस्टोर या एपस्टोर से आसानीपूर्वक डाउनलोड कर सकता है। डाउनलोड हो जाने के बाद, देश के किसी भी बैंक से इस वैलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं और तत्काल ट्रांजेक्शन की शुरूआत कर सकते हैं। पाॅकेट्स एक वर्चुअल वीजा कार्ड का उपयोग करता है जिसकी मदद से उपयोगकर्ता भारत में किसी भी वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन पर ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। किसी भी रिटेल आउटलेट पर इसका उपयोग करने के लिए ग्राहकों द्वारा फिजिकल कार्ड हेतु भी अनुरोध किया जा सकता है।
हाल ही में, ‘पाॅकेट्स’ ने देश का पहला और एकमात्र ऐसा ऐप भी लाॅन्च किया, जिसके जरिए एनएफसी समर्थित फोन्स को आसपास रखकर एक पाॅकेट्स से दूसरे पाॅकेट्स में पैसा भेजा जा सकता है। इस प्रक्रिया में नियर-फिल्ड-कम्यूनिकेशन तकनीक अर्थात काॅन्टैक्टलेस तकनीक का उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, ‘पाॅकेट्स’ डिजिटल बैंक दुनिया का पहला ऐसा बैंक है जिसने मोबाइल एप्लिकेशन में एम-वीजा भुगतान समाधान उपलब्ध कराया।