लखनऊ: पसमांदा मुस्लिम समाज अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर बैठक का आयोजन किया गया जिसमें पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अघ्यक्ष अनीस मंसूरी ने बैठक को सम्बोधित करते हुये कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु भारत में वर्ष 1978 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया तथा 18 दिसम्बर 1992 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने का आदेश पारित हुआ तथा बाद में राष्ट्रीय अलपसंख्यक आयोग अधिनियम-1992 के तहत कानून के रूप में वर्ष  1992 में पारित भी हुआ। मुल्क में लगभग 25 प्रतिशत नागरिक अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। उन्हांेने कहा कि किसी भी राष्ट्र में अल्पसंख्यक आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक रूप से कमजोर होते हुए भी बहुसंख्यकों की ही भांति राष्ट्र के निर्माण, विकास, एकता, संस्कृति और परम्परा को मजबूती प्रदान करते हंैं। 

श्री मंसूरी ने कहा कि मुल्क मे कुछ फिरकापरस्त ताकतें अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले कर मुल्क की सेक्यूलर छवि को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा चलाये जा रहे अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम बेअसर हैं। भारतीय अल्पसंख्यक समाज का जैन समुदाय अपने बूते पर कारोबार में सबसे आगे खड़ा है तथा मुस्लिम अल्पसंख्यक समाज भी बिना सरकारी संरक्षण के भी तरक्की के रास्ते पर है।मंसूरी ने केन्द्र सरकार से मांग की कि बेअसर पड़े अल्पसंख्यक आयोग के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से चलाया जाये तथा मुसलमानों की वक्फ सम्पत्तियां जो अवैध कब्जे में या सरकार के अधिपत्य में है मुसलमानों को सौपा जाये जिससे वक्फ सम्पत्तियों को आमदनी का जरिया बनाकर अल्पसंख्यक मुसलमानों के उत्थान हेतु कार्यक्रम चलाये जा सके। कार्यक्रम का संचालन मौलाना इलियास मंसूरी ने किया।