लखनऊ : आकाए शरीयत मौलाना सैयद क्लब आबिद की बरसी की मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद अतहर अब्बास ने कहा कि केवल ईमान लाना काफी नहीं है जब तक अम्ल ना किया जाये। उन्होंने कहा कि इमान के प्रतीकों में एक ये है के खुदा के हर आदेश को मानें और अहलेबैत के कहे का पालन करें । मौलाना ने कहा कि अल्लाह भी तब तक अम्ल को स्वीकार नहीं करता जब तक दिल में अहलेबैत से प्यार न हो तो अहलेबैत यह कैसे चाहेंगे कि उनका चाहने वाला अल्लाह की बात को ना मानता हो। मौलाना ने कहा कि अतीत से इसलिए भी पर्दा उठाया जाता है ताके हाल सुधर जाए।

मौलाना ने कल्बे आबिद साहब की सेवाओं, उनके इल्म और सार्वभौमिक व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा धर्म और इन्सानियत की रक्षा की, हमेशा एकता के प्रतीक रहे और कौम और धर्म के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। यही कारण है कि अल्लाह ने उन्हें शहादत नसीब की और हर धर्म के मानने वाले उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यदि कोई आज ऐसे आलिम  के व्यक्तित्व को धूमिल करने की कोशिश करता है तो समझ लेना चाहिए कि वह अपनी पीढ़ी और नसल की खराबी की दलील दे रहा है। मौलाना ने कहा कि अगर सत्य पर मौत की इच्छा है तो सत्य का सही समर्थन करो, सत्य के समर्थन के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी से परहेज नहीं करना चाहिए। आज जब एक दुश्मनए दीन मौलाना सैयद क्लबे आबिद के व्यक्तित्व पर हमला कर रहा है  हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों की प्रतिस्पर्धा करे क्योंकि ऐसे लोग पहले उलमा का अपमान करते है ,फिर मुजतहेदीन को बुरा कहते हैं उसके बाद अहलेबैत के खिलाफ बोलने का साहस करते है ।मौलाना ने कहा कि आज दुनिया मौत को तो पहचानता और मानती है लेकिन मौत के बाद के जीवन में विश्वास नहीं करती इसलिए फित्ना और फसाद पर आमादा है। अगर मृत्यु के बाद के जीवन में विश्वास होता तो आदमी केवल अच्छे काम करता।