कुपोषण से बचाव के लिए गर्भणी को संतुलित आहार ज़रूरी: प्रो0 सुरेश चन्द्र
लखनऊ:कुपोषण एवं स्वास्थ्य विषयक एक संगोष्ठी का आयोजन चारबाग स्थित होटल अम्बर के सभागार में आयुर्वेदिक औषधि निर्माण में अग्रणी हिमालया ड्रग कम्पनी द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 सुरेश चन्द्र निदेशक आयुर्वेदिक सेवायें तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी लखनऊ के साथ-साथ क्षेत्र लखनऊ के अनेक आयुर्वेदिक चिकित्सक भी उपस्थित थे। शरीर को संतुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण, निदान तथा उसके समाधान पर संगोष्ठी में विस्तृत चर्चा की गयी।
प्रो0 सुरेश चन्द्र निदेशक, आयुर्वेदिक सेवायें ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज सबसे अधिक संख्या में बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। गर्भणी परिचर्या (गर्भ से ही बच्चे के स्वास्थ्य की देखभाल) सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए गर्भणी को संतुलित एवं पौष्टिक आहार पर ध्यान देना चाहिए। अक्सर महिलायें अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती हैं जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।
इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि कुपोषण के कारण शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरूद्ध हो जाते हैं जिसके कारण कार्य करने पर थकान एवं मन में उत्साह का अभाव तथा स्वाभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। साथ ही यदि शरीर का वजन कम हो रहा हो, हाथ-पैर पतले हो रहे हों तथा पेट का आकार बढ़ रहा हो तो समझना चाहिए व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो रहा है। अधिकांश लोगों, विशेषकर गाँव और देहात में रहने वाले व्यक्तियों को संतुलित भोजन के बारे में जानकारी नहीं होती है, इस कारण वे स्वयं एवं अपने बच्चों के भोजन में आवश्यक वस्तुओं का समावेश नहीं कर पाते। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आवश्यक है कि बच्चों को माँ का दूध कम से कम छः माह तक अवश्य पिलायें। इसके लिए आवश्यक है कि माँ के भोजन में आवश्यक पौष्टिक एवं संतुलित आहार शामिल हों जिससे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में माँ से दूध मिल सके। उन्होंने आयुर्वेद में वर्णित स्तन्यशोधन का उल्लेख करते हुए बताया कि गर्भकाल से ही माँ को शतावरी चूर्ण या शतावरी पाक दूध के साथ दिया जाय तथा प्रसव के पश्चात् दशमूल काढ़े का सेवन कराया जाय तो रोगविहीन माँ का दूध बच्चे को हृष्ट-पुष्ट बनाने में अत्यन्त कारगर होगा।
हिमालया ड्रग कम्पनी के मैनेजर साइंटिफिक सर्विस डाॅ0 विकास वर्मा ने कुपोषण के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया तथा उन्होंने विभिन्न उद्धरणों का उल्लेख करते हुए कुपोषण से बचाव एवं उसके समाधान पर विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस अवसर पर हिमालया ड्रग कम्पनी की जोनल एरिया मैनेजर श्रीमती प्रेरणा सहित श्री अभिषेक श्रीवास्तव, श्री शरद अग्निहोत्री आदि उपस्थित थे।