महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलने की ज़रुरत: सुतापा सान्याल
सार्वजनिक यातायात में यौनिक हिंसा पर लगाम लगाने के लिए अॉटो रिक्शा वाले करेंगे मदद
लखनऊ: सार्वजनिक यातायात एवं स्थानो में होने वाली यौनिक हिंसा पर लगाम लगाने और महिलाओं को यात्रा की दौरान सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने में एक कारगर पहल के रूप में उ0 प्र0 पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ, एक्शन एड तथा ‘‘यह एक सोच‘‘ फाउण्डेशन द्वारा सोलह दिवसीय अभियान 25 नवम्बर से चलाया जा रहा है जो 10 दिसम्बर जारी रहेगा।
उ0 प्र0 पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस महानिदेशक उ0 प्र0 महिला सम्मान प्रकोष्ठ एवं राज्य मानवाधिकार आयोग सुतापा सान्याल ने इस अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
श्रीमती सान्याल ने बताया कि उ0 प्र0 पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ, एक्शनएड लखनऊ व ‘‘यह एक सोच‘‘ फाउण्डेशन द्वारा यात्रा के दौरान महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा एवं सम्मान के मुद्दे पर एक अभियान ‘‘सेफ सफर-सफर में सुरक्षा भी सम्मान भी” का आयोजन किया है, जिसमें आॅटो व टैम्पो चालको का लैंगिक संवेदीकरण और महिलाओ के विरुद्ध हिंसा से सम्बन्धित विधिक एवं कानूनी जागरुकता के लिये कार्यशालाओ का प्रबन्ध किया गया है, जिसकी शुरुआत महिला सम्मान प्रकोष्ठ के कार्यालय में कल से आॅटो टैम्पो चालको के लिये होगी।
श्रीमती सान्याल ने कहा की महिलाओं के प्रति अपनी रूढ़िवादी मानसिकता को बदलने की ज़रुरत है । इस कार्य में उन्होंने वर्ग से अपनी सहभागिता की अपील की । उन्होंने बताया कि उ0 प्र0 महिला सम्मान प्रकोष्ठ प्रदेश में, महिलाओ की सुरक्षा के साथ ही साथ उनके सम्मान व उनमें आत्मविशवास उत्पन्न करने के लिये समुदाय के विभिन्न वर्गो के मध्य अपने key programs के माध्यम से लैंगिक संवेदीकरण करने, कानूनी जागरुकता लाने एंव जन समुदाय का महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित मुद्धो पर सामुदायिक पुलिसिंग (community policing) एवं community engagment का सकारात्मक प्रयास करता है। इस कार्यक्रम के जरिये उ0 प्र0 महिला सम्मान प्रकोष्ठ एक्शन एड और यस फाउंडेशन मात्र आटो, बस, टैक्सी चालको मे सार्वजनिक यातायात के दौरान महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के विषय मे एक सकारात्मक सोच जागृृत करने की कोशिश कर रहे है। यह कार्यक्रम उ0 प्र0 महिला सम्मान प्रकोष्ठ के ‘‘सारथी‘‘ कार्यक्रम के अन्र्तगत आयोजित किया जा रहा है।
यह एक सोच फाउण्डेशन के शारिक ने बताया कि सेफ सफर कार्यक्रम पिछले चार वर्षो से सार्वजनिक यातायात एवं स्थानो में होने वाली यौनिक हिंसा पर कार्य कर रहा है जिसमें आॅटो व टैम्पो चालको के साथ जेण्डर संवेदीकरण के मुददे पर लगातार कार्य किया जा रहा है । इसी क्रम में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं में आटो टैम्पो, चालको की जेण्डर एवं लिंग भेद की समझको बढ़ाया जायेगा ताकि सार्वजनिक यातायात के संसाधनो एवं स्थानो पर होने वाली छेड़छाड़ एवं यौनिक हिंसा को रोकने में वे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके ।
इसी विषय पर “यस नुक्कड़ पलटन” द्वारा पत्रकारों के समक्ष नुक्कड़ नाटक भी किया गया।