मुसलमान कर्बला को अपना आदर्श बनायें: मौलाना हसन जहीर
यौमे अब्बास कार्यक्रम में नायाब हल्लौरी को मिला ‘अल्लामा समर हल्लौरी एवार्ड
लखनऊ: सूचना विभाग की मासिक पत्रिका नया दौर के संपादक व उप निदेशक सूचना विभाग डॉक्टर वज़ाहत हुसैन रिजवी के हाथों मशहूर शायर नायाब हल्लौरी को ‘अल्लामा समर हल्लौरी एवार्ड 2015’ प्रदान किया गया। यह पुरस्कार हर साल अंजुमन हैदरी हल्लौर से किसी व्यक्ति को दिया जाता है ताकि समाज में साहित्यिक व धार्मिक रुझान को अधिक बढ़ावा दिया जा सके। अंजुमन हैदरी हल्लौर लखनऊ की युवा विंग द्वारा दरगाह हजरत अब्बास में आयोजित यौमे अब्बास कार्यक्रम में यह पुरस्कार दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में नायाब हल्लौरी, वकार सुल्तानपुरी, सज्जाद हल्लौरी, अजमी लखनवी, शादाब हल्लौरी, मेराज हल्लौर, हानी हल्लौरी और मोअजिज़ मौलाई ने हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की बारगाह में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मौलाना हसन जहीर साहब ने मौजूदा हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए आवश्यक है कि मुसलमान कर्बला को अपना आदर्श बनायें, क्योंकि पूरी दुनिया से आतंकवाद खत्म करने के लिए इससे प्रभावशाली और बेहतर प्लेटफ़ार्म और कोई नहीं है, उन्होनं हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की खूबियां बताते हुए उनकी वफ़ादारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हज़रत अब्बास ने कर्बला के मैदान में अपना किरदार पेश किया वह क़यामत तक के लिए मिसाल है और युवाओं को चाहिये कि उनके किरदार को अपनी जीवन में उतारें। अंत मौलाना ने हज़रत अब्बास की जंगे कर्बला के दौरान पेश आयी मुसीबतों को बयान किया जिसे सुनकर महफिल में मौजूद मोमिनीन शोक में डूूब गये।
मजलिस के बाद अंजुमन हैदरी हल्लौर के फ़ज़ल रिजवी, नायाब हल्लौरी, सज्जाद हल्लौरी, नोशाद हल्लौरी और मेराज हल्लौरी ने कर्णप्रिय और करूणामयी आवाज़ में नौहाख़्वानी की और अन्जुमन के मातमी दस्ते ने कर्बला वालों की याद में ज़ंजीरी मातम किया।