पुलिस बल को हतोत्साहित कर रहे है राज्य के पुलिस प्रमुख: भाजपा
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पुलिस बल को उत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित कर रहे है राज्य के पुलिस प्रमुख। भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने राज्य के पुलिस प्रमुख जगमोहन यादव के बयानबाजी पर तंज कसते हुए कहा कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते तो शायद ज्यादा अच्छा होता। उन्होंने कहा आगरा में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग सीतापुर में पुलिस प्रताड़ना और कुशीनगर में तो पुलिस पिटाई से बच्चे की हुई मौत राज्य के पुलिसियां जाबांजी के उदाहरण है। कार्यकर्ता उत्पीड़न, कानून व्यवस्था तथा जन समस्याओं को लेकर भाजपा 25 नवम्बर से अलीगढ़ और आजमगढ़ में तथा 26 नवम्बर से कन्नौज और वाराणसी में एक सप्ताह के धरना देगी।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार की नीतियों के कारण राज्य की कानून व्यवस्था बदहाल हो रही है मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार बनते ही कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूत रखने को अपनी पहली प्राथमिकता बताते है किन्तु उनके पुलिस प्रमुख कहते है कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूत रहने की कोई गांरटी नहीं ली जा सकती है। जिन पर सुरक्षा का दारोमदार है वहीं जब गांरटी नहीं की बात करेंगे तो राज्य का आमजन अपने को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा। यही कारण है कि आजम खां जैसे कद्दावर मंत्री भी अपनी जान का खतरा बताने में संकोच नहीं कर रहे है।
उन्होंने कहा कि लगातार बयानबाजी पर उतारू पुलिस प्रमुख निराशाजनक और पुलिस बल को हतोत्साहित करने वाले बयान दे रहे है। यदि पुलिस फोर्स बढ़ाने पर भी अपराध की घटनाओं को रोका नहीं जा सकता तो अब सेवानिवृत्ति की ओर बढ़ रहे पुलिस प्रमुख यही बता दे कि अपराध की घटनाओं को रोका कैसे जा सकता है। सामान्य धारणा है कि प्रशासन इकबाल से चलता है। अखिलेश सरकार के इकबाल पर ही सवाल है, दांवो के बावजूद राज्य में अपराध नहीं रूक रहे, हालात ये है पर्याटक नगरी आगरा में लगातार बढ़ रहे अपराधो को लेकर लोग पलायन को मजबूर हो रहे है, दहशत में आये लोग सुरक्षा की मांग को लेकर जब धरना देते है तो पुलिस सुरक्षा की बजाय खींज में बल प्रयोग करती है इतना ही नहीं बल प्रयोग करती पुलिस के कृत्य कैमरों में कैद करते मीडियाकर्मियों को जानबूझ कर योजनापूर्वक निशाने पर लिया जाता है।
श्री पाठक ने कहा राज्य का पुलिस तंत्र जाति, मजहब और प्रभावशाली व्यक्तित्व को देख कार्यवाही करने के बजाय अरोपियों पर कार्यवाही करें। सरकार अपराधी को अपराधी मान कार्यवाही के संदेश दे, पर यहां तो पुलिस को कार्यवाही के लिए ऊपर के निर्देशो का इंतजार रहता है जिसके कारण अपराध की घटनाओं पर कई बार पुलिस किकत्र्यवविमूढ़ की स्थिति में दिखती हैं, हाँ जब अपने पर आती है तो सीतापुर में पीट-पीटकर अधमरा कर देती है। कुशीनगर में तो बच्चे की इतनी पिटाई करती है कि उसकी मौत ही हो जाती है। उन्होंने कहा कि आखिर 2012 में सत्ता में आने के बाद पुलिस एक्ट और प्रशिक्षण में बदलाव करने का सपाई वादा कहां गायब हो गया। इसका जबाव प्रदेश की जनता मांग रही है।