आतंकवाद पर मीडिया का दोहरा मापदंड: कल्बे जवाद
पेरिस हमलों पर शोर शराबा, इराक और सीरिया में बेकसूरों की मौतों पर क्यों नहीं ?
आईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों खिलाफ आसफी मस्जिद में हुआ विरोध प्रदर्शन
लखनऊ :आईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों द्वारा वैश्विक स्तर पर किये जारहे आतंकवाद के खिलाफ आज मजलिसे उलमाये हिन्द के बेनर तले मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के नेतृत्व में आसफि मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन किया गया ।
प्रर्दशनकारियों को संबोधित करते हुए मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक्वी ने कहा कि दुनिया मै जहां कहीं भी किसी पर अत्याचार हो रहा है हम उस अत्याचार और आतंक के खिलाफ हैं लेकिन मीडिया के मुसलमानों पर लगाए गए सभी आरोपों निराधार हैं कि मुसलमान आतंकवाद के खिलाफ खुलकर अपना रुख व्यक्त नहीं करते हैं। मौलाना ने कहा कि आतंकवाद का बीज बोने वाले आज खुद आतंकवाद की फसल काट रहे हैं ।आतंकवादियों को हथियार कौन देता है और उन्हें धन कहां से मिलता है? क्या आज तक मीडिया ने इस मुद्दे पर कोई स्टोरी की और ऐसे मुद्दे डिबेट में शामिल किए ? .मौलाना ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पचास देश ऐसे हैं जो आईएस को हथियार देते हैं और सस्ते दामों में उस्से तेल खरीद रहे हैं उसके बाद वही देश आतंकवाद के खाफ हुल्लड़ हंगामा मचाए हुए हैं। मौलाना ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि विश्व शक्तियों ने जो आग मुसलमानों के खिलाफ भड़काई थी अब वह खुद उसकी चपेट में आ चुके हैं।
मौलाना ने कहा कि मीडिया दोहरा पैमाना अपना रही है यदि अमेरिका और इजरायल के एक आदमी की भी हत्या कर दी जाती है तो कई दिनों तक डिबेट होती है लेकिन जब अफगानिस्तान, इराक, लीबिया, बर्मा, सीरिया और अन्य देशों में मुसलमानों विशेषकर शियाओं को मारा जाता हे तो कोई चैनल नहीं दिखाता और न किसी राजनीतिक व धार्मिक नेता की तरफ से निंदा मै बयान आता है। शिया लगातार आतंकवाद का निशाना बनाये जाते रहे है, इमामबाडों और मस्जिदों को आत्मघाती हमलों में उड़ाया गया लेकिन किसी ने निंदा मै बयान जारी नहीं किया ये दोहरा मापदंड क्यों? जुल्म किसी भी धर्म के लोगों पर हो, वह निंदनीय है लेकिन जब तक दोहरा मापदंड खत्म नहीं होगा आतंकवाद समाप्त नहीं होगा ।पेरिस में हुए हमले पर मीडिया इतना शोर मचा रहा है मगर शिया लोगों पर पिछले पंद्रह वर्षों से लगातार इराक और सीरिया में आतंकवादी हमले हो रहे हैं आज तक एक डिबेट नहीं हुई।
मौलाना ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि भारत के एक मौलाना ने आईएस के समर्थन में बयान दिया, उनके खलीफा बगदादी को पत्र लिखा और भारत के नक्शे के ऊपर आईएस का मानचित्र लगाया उस पर न मीडिया ने कोई बात की और न हमारी सरकारों ने कोई कार्यवाही की ऐसे लोगों पर सरकार सख्ती क्यों नहीं बरत रही हैं जो हमारे देश में रहकर आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं।
मौलाना ने कहा कि लगभग सात महीने से यमन में सउदी अरब लगातार बमबारी कर रहा है मगर दुनिया चुप है ।विश्व युद्व में भी इतनी तबाही नहीं हुई जितनी सऊदी हमलों में यमन में हो चुकी है मगर दुनिया तमाशा देख रही है ।फिलसतीन में इसराइल निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है उसके विरुद्ध क्यों निंदा मै बयान नहीं दिए जाते। दुनिया में केवल एक देश ईरान है जो वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध अकेले खड़ा हुआ है और दुनिया आतंकवाद का तमाशा देख रही है।
प्रदर्शन में मौलाना रजा हुसैन,मौलाना तसनीम मेहंदी, मौलाना शबाहात हुसैन, मौलाना फीरोज हुसैन, मौलाना जव्वार हुसैन, मौलाना सरकार हुसैन मौलाना शबाब हैदर नक्वी और अन्य उलेमा मौजूद रहे।