छोटे मोटे अपराध करने वाले इस्माइल ने दिया पेरिस हमले को अंजाम
कुरख़ुरॉन, फ्रांस: उमर इस्माइल मुस्तेफई – बीते शुक्रवार से पहले पेरिस की पुलिस के लिए यह नाम एक ऐसे शख्स का था जो छोटे मोटे अपराध किया करता था। लेकिन 13 नवंबर की रात पेरिस में हुए हमलों के बाद पुलिस को उमर से जुड़ी ऐसी डरावनी सच्चाई का पता लगा जिसकी वजह से 129 लोगों की जान चली गई। 29 साल के उमर की पहचान उन तीन लोगों में से एक के तौर पर हुई है जिसने बाटाक्लां कॉन्सर्ट हॉल में 89 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और बाद में अपने आपको भी उड़ा दिया। उमर की पहचान उसकी कटी हुई उंगली से की गई है जो कॉन्सर्ट हॉल के बाहर पड़े मलबे में मिली है। (पढ़ें – पेरिस में उस रात आतंकियों ने किस कदर मचाया खून खराबा)
पेरिस के एक गरीब उपनगर में 21 नवंबर 1985 को जन्मे उमर मुस्तेफई के किए गए अपराधों की लिस्ट में 2004 से 2010 के बीच ऐसे छोटे छोटे गुनाह शामिल हैं जिसके लिए उसे 8 बार अपराधी घोषित किया गया लेकिन जेल नहीं जाना पड़ा। पेरिस के अभियोक्ता फ्रांस्वा मोलिन्स ने कहा कि 2010 से मुस्तेफई, उग्र सुधारवाद के निशाने पर था लेकिन शुक्रवार से पहले वह कभी भी किसी भी तरह की ‘आतंकी गतिविधि’ संबंधित पूछताछ का हिस्सा नहीं रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांचकर्ता अब इस बात की छानबीन कर रहे हैं कि कहीं पिछले साल उमर सिरिया होकर तो नहीं आया था। शनिवार शाम से उमर के पिता और 34 साल के भाई को पुलिस ने हिरासत में रखा हुआ है और उनके घरों की तलाशी ली गई है। गिरफ्तार होने से पहले हमला करने वाले मुस्तेफई के भाई ने कंपकंपाती आवाज़ में एएफपी से कहा ‘माहौल बहुत खराब है, कल मैं पेरिस में था और मैंने देखा वहां क्या हुआ है।’
मुस्तेफई के हमले में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद उसका भाई अपनी दो बहनों के साथ पुलिस के सामने खुद की पेश हो गया। हालांकि उसने उमर के साथ कई सालों पहले ही संबंध तोड़ लिए थे और वह जानता था कि उसका भाई छोटे मोटे जुर्म करता रहा है। इसके बावजूद वह नहीं जानता था कि उमर उग्र सुधारवाद का निशाना बना हुआ है। मुस्तेफई के बारे में आखिरी जानकारी उसके भाई को यही मिली थी कि वह अपने परिवार और अपनी छोटी बच्ची के साथ अलजिरिया गया था। उमर के भाई ने कहा कि उसने अपनी मां से भी बात की थी लेकिन उसे भी किसी तरह की जानकारी नहीं है। जांच को करीब से देख रहे एक सूत्र के मुताबिक मुस्तेफई लगातार पेरिस के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक मस्जिद में जाया करता था।