नदियों की सफाई सामाजिक कार्य है: राज्यपाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज गोमती नदी सफाई एवं पर्यावरण पर गोमती मित्र मण्डल द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लखनऊ के महापौर, डा0 दिनेश शर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 एस0बी0 निम्से, डा0 एपीजे अब्दुल कलाम उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति, डा0 विनय पाठक, मनकामनेश्वर मन्दिर की मंहत दिव्यागिरी, लोक अधिकार मंच के अध्यक्ष, अनिल सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक तथा विभिन्न विद्यालयों के छात्रगण उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर गोमती सफाई अभियान तथा पर्यावरण सुधार से जुड़े महानुभावों को सम्मानित भी किया।
राज्यपाल ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नदियों की सफाई सामाजिक कार्य है। नदियों एवं पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या पूरे देश की अहम समस्या है। नदियों का प्रदूषण हमारे कारण ही हुआ है। नदियों एवं पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये समाज को जोड़े तभी सफलता मिलेगी। छात्रों एवं युवाओं को नदियों की सफाई से जोड़ा जाये तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों में छात्र जुड़ेंगे तो समाज में जागृति आयेगी।
श्री नाईक ने कहा कि गोमती नदी लखनऊ की पहचान है। गोमती स्वच्छ एवं निर्मल रहे इसके लिये संयुक्त रूप से संकल्प लेने की जरूरत है। देश का भविष्य तब अच्छा होगा जब उत्तर प्रदेश का भविष्य अच्छा होगा, उत्तर प्रदेश का भविष्य तब अच्छा होगा जब लखनऊ अच्छा होगा तथा लखनऊ का भविष्य तब अच्छा होगा जब गोमती स्वच्छ एवं निर्मल होगी। उन्होंने कहा कि गंगा के साथ-साथ अन्य नदियों की सफाई में जब दिल से लगेंगे तभी सफलता मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि नदियों की सफाई एवं सुरक्षा में भक्ति, आस्था और ज्ञान का संगम है। लोगों को ज्ञान देने की आवश्यकता है तथा समाज में दायित्व बोध का होना भी जरूरी है। गोमती साफ होगी तो गंगा भी साफ होगी। नदियों को साफ रखने की जिम्मेदारी सबकी है। सफाई के साथ-साथ गन्दगी और कूड़े के निस्तारण की भी व्यवस्था होनी चािहये। उन्होंने कहा श्रद्धा और बुद्धि के मिलन से नदियों के सफाई का रास्ता निकलेगा।
महापौर, डा0 दिनेश शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊ के जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। गिरते जल स्तर को बनाये रखने के लिये वर्षा जल संचयन का कार्य होना चाहिये। उन्होंने कहा कि समाज में जागृति से ही नदियों एवं पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखा जा सकता है।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 एस0बी0 निम्से तथा डा0 एपीजे अब्दुल कलाम उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति, डा0 विनय पाठक ने भी अपने विचार व्यक्त किये।