विकासशील देशों के लिए दूरस्थ शिक्षा रामबाण उपाय: नाईक
राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के नये भवन का उद्घाटन किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज वृन्दावन योजना में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के लखनऊ रीजनल सेन्टर के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रो0 नागेश्वर राव कुलपति इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, श्री वी0 वेणुगोपाल रेड्डी निदेशक, श्रीमती सुषमा यादव प्रतिकुलपति, लखनऊ रीजनल सेन्टर की निदेशक श्रीमती मनोरमा सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि विकासशील देशों के लिए दूरस्थ शिक्षा रामबाण उपाय है। शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा प्राप्त करने का साधन है मुक्त विश्वविद्यालय। नये-नये विषयों और समय की मांग के अनुकूल विषय छात्रों को मिले क्योंकि गुणवत्तायुक्त जनसंख्या से देश बढ़ता है। संचार युग में शिक्षा पद्धति को रोजगार परख होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से इग्नू गुणवत्तायुक्त शिक्षा छात्रों को दे।
श्री नाईक ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा में गुणवत्ता के विकास के लिए प्रयास करें। देश में 700 से ज्यादा विश्वविद्यालय हैं। विश्व के 200 उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों में देश का एक भी संस्थान नहीं है। मुक्त विश्वविद्यालय के लिए यह एक चुनौती है। अशिक्षित लोगों का आकड़ा अपने आप में एक चुनौती है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा पढने के लिए प्रोत्साहित करना इग्नू की जिम्मेदारी है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी शिक्षा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से दूरस्थ शिक्षा का क्षेत्र और गुणवत्ता बढ़ाये जाने की जरूरत है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि नये भवन के लोकार्पण से नये तरीके से काम शुरू होगा तो निश्चित रूप से शिक्षा ग्रहण करने वालों को लाभ मिलेगा। दूरस्थ शिक्षा पद्धति के माध्यम से भारत में पूरे विश्व के सामने एक माडल रखा है। सरकारी योजनाओं में समय और लागत का ध्यान रखा जाय तो और प्रगति हो सकती है। अच्छा काम करने का एक दृष्टिकोण हो जो छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखे। उन्होंने कहा कि किताबों के साथ व्यवहारिक शिक्षा भी छात्रों को मिले। राज्यपाल ने इस अवसर पर सफलता के चार मंत्र बताये। सदैव मुस्कराते रहें क्योंकि मुस्कराने से सहजता से काम करने की प्रेरणा मिलती है, अच्छा काम करने वालों की प्रशंसा करें तथा उनके गुणों को ग्रहण करने का प्रयास करें, किसी की अवमानना न करें तथा हर काम को बेहतर तरीके से करने की सदैव गुंजाईश रहती है।
प्रो0 नागेश्वर राव कुलपति इग्नू ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा में विश्वविद्यालय स्वयं छात्र तक पहुंचता है। मुक्त विश्वविद्यालय छात्रोन्मुख है जिससे ज्यादा से ज्यादा शिक्षा से वंचित लोग दूरस्थ शिक्षा से जुड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि 25 हजार से ज्यादा जेल कैदी भी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के प्लेस्मेंट की भी व्यवस्था की गयी है। वी0 वेणुगोपाल ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा मनोरमा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।