वैचारिक असहिष्णुता के सबसे बड़े पीड़ित हैं पीएम: जेटली
नई दिल्ली: कांग्रेस और वामदलों पर पलटवार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उन पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ‘वैचारिक असहिष्णुता’ अपनाने तथा संगठित दुष्प्रचार के जरिये भारत को असहिष्णु समाज के रूप में पेश करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
जेटली ने ‘भारत और वर्तमान सरकार के हरेक शुभचिंतक से’ ऐसे बयान नहीं देने की अपील की जो माहौल खराब करें और विकास में बाधा पैदा करें। केंद्रीय वित्तमंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारत के विकास की रफ्तार तेज करने का प्रयास कर रही है, लेकिन ऐसे कई हैं जिन्होंने बीजेपी के सत्ता में होने का विचार बौद्धिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया। इसमें जाहिर तौर पर कांग्रेस, कई वामपंथी विचारक और कार्यकर्ता हैं। कई दशकों से उन्होंने बीजेपी के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाई हुई है।’
जेटली ने कहा कि साल 2002 से ‘प्रधानमंत्री (नरेंद्र मादी) खुद इस वैचारिक असहिष्णुता के सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उनकी रणनीति के दो भाग हैं। पहला, संसद बाधित करो और ऐसे सुधार मत होने दो जिसका श्रेय मोदी सरकार को जाए। दूसरा, ढांचागत और संगठित दुष्प्रचार से ऐसा माहौल पैदा करो जिससे लगे कि भारत में सामाजिक दरार है। वे भारत को असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करना चाहते हैं।’