कर्नाटक में दलित लेखक पर हमला
बेंगलुरु: लेखकों पर हो रहे हमलों पर जारी विरोध के बीच एक और लेखक पर हमला हुआ है। कर्नाटक के दावनगेरे में बुधवार की रात एक युवा लेखक और पत्रकारिता के छात्र हुचंगी प्रसाद पर कुछ लोगों ने हमला किया। युवा लेखक का आरोप है कि एक अज्ञात शख़्स ने उनके हॉस्टल में आकर उनकी मां की बीमारी की जानकारी दी, जिसके बाद वह उस शख़्स के साथ अस्पताल के लिए निकल गए, लेकिन रास्ते में ही 8-10 लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनकी पिटाई कर दी।
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ से बातचीत में लेखक ने बताया कि हमलावरों ने चाकू से उनकी उंगलियां काटने की धमकी दी, ताकि वे फिर दोबारा हिंदू परंपरा के विरोध में न लिख सकें। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या की कोशिश और एससी -एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। युवा लेखक हिचुंगी की पहली किताब अप्रैल 2014 में आई थी जिसके बाद से ही उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी। किताब में देश में दलितों के साथ बर्ताव का ज़िक्र किया गया था।
प्रसाद ने बताया, ‘21 अक्टूबर की देर रात आठ-नौ लोगों का एक समूह एससी/एसटी छात्रावास में आया। मैं इसी छात्रावास में रहता हूं। उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी मां बीमार है। इस पर मैं चिंतित हो गया और उनके साथ चल पड़ा। वे मुझे एक जगह लेकर गए और मुझे हिंदुत्व एवं जाति व्यवस्था के खिलाफ लिखने पर धमकी देने लगे और मुझ पर हमला भी किया।’ पत्रकारिता के छात्र प्रसाद ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने मेरे चेहरे पर कुमकुम भी मल दिया और मेरे लेखन के लिए मेरी अंगुलियां काट डालने की धमकी दी।’
प्रसाद ने कहा कि उन्हें हमले में मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (हमलावरों ने) कहा कि पिछले जन्म में किए गए पापों के कारण मैं दलित के रूप में पैदा हुआ हूं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या हमलावर किसी खास संगठन के थे, इस पर प्रसाद ने कहा, ‘उनके शब्दों से स्पष्ट था कि वे किसी दक्षिणपंथी संगठन से थे लेकिन मैं यकीन के साथ नहीं कह सकता।’ आरएमसी यार्ड पुलिस थाने में इस बाबत अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि वह आरोपियों की तलाश कर रही है।
जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘प्रसाद ने गुरुवार को शिकायत दाखिल कर आरोप लगाया था कि आठ-10 लोगों ने उन पर हमला किया और उन्हें जान से मारने की कोशिश की।’ यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश भर के कम से कम 35 लेखकों ने ‘बढ़ती असहिष्णुता’ और उत्तर कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने के फैसले की घोषणा की है। एक अन्य कन्नड़ लेखक केएस भगवान को भी हिंदुत्व के खिलाफ टिप्पणियां करने पर धमकियां दी जा चुकी हैं।