विरासत को सम्भालना हमारी जिम्मेदारी: शिवपाल
मुद्रा राक्षस को देखने पहुंचे शिवपाल, भावुक हुए वयोवृद्ध लेखक
लखनऊ: वरिष्ठ कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव वयोवृद्ध साहित्यकार मुद्रा राक्षस को देखने और उनका हाल-चाल पूछने गणेश गंज, लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे। शिवपाल सिंह ने शाल उढ़ाकर 84 वर्षीय लेखक को सम्मानित करते हुए कुशलक्षेम पूछा। शिवपाल सिंह ने मुद्रा राक्षस और उनके साहित्य को 20 वीं सदी के धरोहर बताते हुए कहा कि समाजवादी उनकी विरासत को संजोए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीमार मुद्रा राक्षस के इलाज की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी। उन्होंने मुद्रा राक्षस के कृतित्व को सराहते हुए कहा कि सम्प्रदायिकता के खिलाफ अपनी कलम को हथियार बनाकर मुद्रा राक्षस ने एक लम्बी लड़ाई लड़ी है। उनका अनुभव और ज्ञान अदभुत है। उन्होंने अपने दौर के समसमायिक विषयों पर काफी कुछ लिखा है। आज के नई पीढ़ी के लेखको को मुद्रा राक्षस से प्रेरणा लेनी चाहिए। वे प्रेमचन्द्र की परम्परा के ऐसे लेखक और साहित्यकार है जिन्होंने एक कमरे या पुस्तकालय में बैठ कर कल्पना के आधार पर लेखन कार्य करने की बजाए समाज के विभिन्न वर्गों में जाकर अनुभूतियों के आधार पर लिखा हैै। शिवपाल ने मुद्रा जी द्वारा लिखित “समाजवाद की टपकन” का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने समाजिक विभेद, पूंजीवादी शोषण, अन्धविश्वास और साम्प्रदायिकता जैसी विसंगतियों को न केवल अपने रचनाओं में दिखाया अपितु इनका सामाधान भी प्रस्तुत किया। वे एक सच्चे और समाजवादी हंै। मुद्रा राक्षस ने शिवपाल को अपनी दो पुस्तकें स्नेहस्वरूप दी। शिवपाल द्वारा अचानक घर पहुंचने और दिये गये सम्मान से वरिष्ठ लेखक काफी भावुक हुए। उनकी आंख भर आई। शिवपाल सिंह के साथ समाजवादी लेखक दीपक मिश्र, लखनऊ नगर अध्यक्ष मुकेश शुक्ला व स्थानीय सभासद सतीश साहू भी थे।