शिया-सुन्नी में कोई मतभेद नहीं: ओलमा
लखनऊ : इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद हजरतगंज में शिया सून्नी एकता सम्मेलन में भारत के अग्रणी खानकाहांे के सज्जादा नशीन और शिया उलेमाओं ने कहा कि इस्लाम ने कभी अराजकता और कलह की दावत नहीं दी बल्कि इस्लाम शांति व एकता का संदेश देता है इसलिए हम आज एकजुट होकर मौलाना क्लबे जवाद नकवी के साथ आए हैं ताकि दुनिया जान ले कि शिया व सुन्नी में कोई मतभेद नहीं है।
मौलाना सफदर जौनपुर ने दिया। उन्होंने कहा कि दुश्मन अफवाह फैलाते हैं कि मौलाना कल्बे जव्वाद के साथ कोई नहीं है दरअसल मौलाना की शक्ति के आगे दुश्मन जब हर मामले में हार जाता है तो वे ऐसे प्रचार दर्शाता है।
मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि हमेशा खानदाने इजतेहाद ने एकता की बात की है। मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी के पिता से लेकर अब तक इस परिवार ने मुसलिम एकता का संदेश दिया है और इस्लाम दुश्मन ताकतों के सामने खडे रहे है और आज मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी प्रत्येक इस्लाम दुश्मन शक्ति के सामने दीवार बन कर खडे हैं।
मौलाना हबीब हैदर ने कहा कि मानवता के नाते हर धर्म के लोगों को एकजुट होना चाहिए क्योंकि इस्लाम समुदायों और मसलकों के अधार पर एकता का संदेश नहीं देता बल्कि मानवता के आधार पर प्रत्येक संदेश देता है । इसलाम किसी एक समुदायों के लिये नही आया बल्के मानवता के लिये आया।
मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने पहले जलसे के समापन भाषण में कहा कि यह शिया और सुन्नी सूफियों का यह पहला संयुक्त सम्मेलन है यह पिछले कदम न समझा जाए ।उसके बाद हर आंदोलन और हर कार्यक्रम चाहे धार्मिक हो या राजनीतिक हम एकजुट होकर करेंगे शिया और सुन्नी सूफियों के साथ आज तक हर सरकार अन्याय करती आई है और शिया व सुन्नी खानकाही हजरात की भारत में 90 प्रतिशत आबादी है और दूसरा पंथ जो हर सरकार में शामिल है वह केवल दस फीसदी है आखिर हमारी 90 प्रतिशत आबादी को सरकार क्यों स्वीकार नहीं करतीं और हर अल्पसंख्यक संस्थान में हमें प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दी जाती। मौलाना ने कहा कि यह सम्मेलन दादरी में हुई घटना की निंदा के लिए भी है। सरकार दादरी मामले पर गंभीर हो और सख्त कार्यवाही करे । यमन में आतंकवाद जारी है और मुसलमानों की हत्या और नरसंहार किया जा रहा है ।पुरी दुनिया में आतंकवाद की तारीख उठाकर देख लें ना शिया आतंकवादी मिलेगा न सुनी बल्कि एक पंथ है, जो हर आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार है।
दुसरी सभा 2 बजे नमाज के बाद षरू हुयी ।कारी मासूम रजा ने तिलावत की। पहला भाषण मौलाना अली अब्बास खान ने दिया। इस के बाद किछोछा शरीफ से आए सैयद अशरफ अशरफी चेयरमैन ऑल इंडिया मशाईख बोर्ड ने तकरीर करते हुए कहा कि शिया व सुन्नी खनकाही सज्जनों का यह पहला सम्मेलन है ,सुकून इस बात का है कि यह शुरूआत है, आज इस्लाम के खिलाफ बनाम इस्लाम अभियान चलाया जा रहा है। मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हो हूँ कि कभी कहीं शिया व सुन्नी दंगा नहीं हुआ और न होगा बल्कि शिया और वहाबी दंगा होता है ।उत्तर से लेकर पश्चिम तक अहले सुन्नत अजादारी करते हैं भला वो कैसे अजादारी के खिलाफ हो सकते हैं। हमारे और वहाबियों की विचारधारा में अंतर है। यही विचारधारा पूरी दुनिया में आतंकवाद फैला रही है ।हमेशा इस विचारधारा का शिकार शिया व सनी उलमा होते रहे हैं। इस विचारधारा ने इस्लाम को दरिंदगी का धर्म बनाकर पेश किया है। जब हम एकजुट होकर खड़े हो जाएंगे ये लोग चुप होकर बैठ जाएंगे।
सैयद सलमान चिश्ती सज्जादा नशीन दरगाह गरीब नवाज अजमेर शरीफ ने कहा कि इस्लाम बिना शर्त प्यार और शांति का संदेश देता है अगर आज भी हम एकजुट नहीं हुए तो दुश्मन जड़ें खोदना शुरू कर देगा ।.हमारी प्रत्येक खानकाह मौलाना कल्बे जव्वाद के साथ है।
सैयद मोईनुद्दीन चिश्ती सज्जादा नशीन मठ चिश्तिया कानपुर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के पहले शिकार या शिया हुए हैं या सुनी। आज इन आतंकवादियों की आकृतियों वही हैं मगर नाम बदल गए हैं।
सूफी शाह सैयद फरीद निजामी मठ निजामुद्दीन औलिया कि हमारे मतभेद का लाभ हु दुश्मन ने उठाया और वह एकजुट होकर हर जगह पहुंच गए। उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम 551 में परिवर्तन आवश्यक है यह अधिनियम उन लोगों ने बनवाई थी जो व्रत व नियाज के इनकार हैं,।
सैयद हस्सान मियां सफवी उप सज्जादा नशीन खानकाह करीमया ने कहा कि खानकाहों ने हमेशा एकता और शांति का संदेश दिया है। इसी लिए हम मौलाना कल्बे जव्वाद के साथ हैं क्योंकि उनका परिवार एकता का प्रचारक रहा है।
सैयद फेजान वारसी चेयरमैन पोबाने नामुसे अहलेबैत ने कहा कि इस्लाम की पहचान केवल हुसेनियत है और आतंकवाद यजीद के परिवार में कल भी था आज भी है। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ जितनी देर में खड़े होगे उतनी ही बडी कुर्बानी देनी पडेगी।
सैयद हसनैन बकाई सह उप सज्जादा नशीनखानकाह बकाईया ने कहा कि अपने वक्फ, खानकाहांे और इमामबाडों के लिए हमें एकजुट होना होगा ।हुसेनियत कभी तोड़ने का काम नहीं करती बल्कि जोड़ने का काम करती है ।हसेिनयत शांति फैलाती है आतंक नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार समझ ले अब हमारा गठबंधन उनके पतन का संकेत है।
कार्यक्रम के अंत में मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने सभी सुन्नी सूफी हजरात और शिया उलमा का धन्यवाद किया और कहा कि इसके बाद इससे बड़े पैमाने पर शिया व सुन्नी संयुक्त सम्मेलन होगें, मौलाना ने कहा कि हमने इस कार्यक्रम में जनता को आमंत्रित नहीं किया था क्योंकि यह केवल उलमा का कार्यक्रम था। परोगराम के बाद यूपी प्रेस क्लब में शिया व सुन्नी उलमा ने प्रेस वार्ता भी की और अपने गठबंधन का संदेश प्रसारित किया। जलसे का संचालन आदिल फराज ने किया।
उलेमा ने इस अवसर पर विश्व पैमाने पर होरहे आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की और सांप्रदायिक ताकतों की साजिशों व योजना बंदियों से आगाह करते हुए कहा कि सांप्रदायिकता हमारे देश के लोकतंत्र के लिए नासूर है ऐसी सोच को काबू करना अत्यंत आवश्यक है। उलेमा ने सर्वसम्मति से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मुसलमानों से जो चुनावी वादे किए थे, उन पर अभी तक विचार तक नहीं हो सका है इसलिए जल्द से जल्द इन सभी वादों को पूरा किया जाए।