सरकार रहे या जाय, बख्शे नहीं जाएंगे दादरी के दोषी
मुलायम बोले–यह वही लोग हैं जो मुजफ्फरनगर दंगों में भी शामिल थे
तौक़ीर सिद्दीक़ी
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दादरी घटना को ‘गहरी साजिश’ करार देते हुए कहा कि इस मामले में तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। समीक्षा के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, भले ही उत्तर प्रदेश सरकार को कुर्बान ही क्यों ना करना पड़ जाए।
मुलायम सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘(दादरी प्रकरण में) एक पार्टी विशेष के तीन लोगों ने साजिश रची। ये वही साजिशकर्ता हैं, जिनका मुजफ्फरनगर दंगों में भी कहीं ना कहीं परोक्ष अपरोक्ष हाथ था। दादरी घटना जानबूझकर रची गई सुनियोजित साजिश है… दोषियों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करेंगे, चाहे वह कितना ही ओहदेदार या प्रभावाशाली क्यों ना हो और चाहे इसके लिए सपा को प्रदेश में अपनी सरकार ही क्यों ना कुर्बान करनी पड़े।’
तीनों नामों का खुलासा करने के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कहा कि इस बारे में हम समीक्षा कर रहे हैं और जांच के बाद तीनों नामों का खुलासा कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को निर्देश देंगे कि जिस तरह हमने किसी की परवाह किए बिना साम्प्रदायिक शक्तियों को कुचला, उसी तर्ज पर इन शक्तियों को कुचलने की जरूरत है।
सपा प्रमुख ने कहा, ‘दादरी अत्यंत गंभीर घटना है। सपा सरकार मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है। मुझे पता है कि मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) इस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं… देश भर में सपा सरकार के उत्तर प्रदेश में किये गये कार्यों की चर्चा हो रही है। सरकार की अच्छी छवि बनी है.. इसी से बौखलायी साम्प्रदायिक शक्तियों ने ये साजिश रचकर सरकार का विकास से ध्यान हटाने का कुचक्र रचा है।’
उन्होंने कहा कि इससे पहले मुजफ्फरनगर में ऐसी ही साजिश रची गई थी। ये एक संप्रदाय विशेष के लोगों को डराने की साजिश है, लेकिन समाजवादी पार्टी ऐसी कोशिशों को कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही। इस मामले में घटना के बाद से ही नेताओं के विवादास्पद बयानों का दौर जारी है।
आठ दिन पहले करीब 200 लोगों की भीड़ ने अखलाक को घर से बाहर निकालकर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। सरताज का छोटा भाई 22 साल का दानिश हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका इलाज नोएडा के एक अस्पताल में चल रहा है जहां वह आईसीयू से बाहर आ गया है और वह परिवार से बातचीत कर पा रहा है। इस बीच बिसहड़ा में आने वाले कई भगवा नेताओं को अधिकारियों ने गांव में जाने से रोक दिया है। राजपूत बहुल इस गांव में आने वाले रास्ते पर अवरोधक लगाये गये हैं और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं। इस घटना के कारण देशभर में आक्रोश है।