दारूल उलूम निज़ामिया फरंगी महल में युवा को सम्मानित किया गया।

लखनऊ: मोहम्मद ज़की जैसे युवा हिन्दुस्तान समाज और गंगा-जमुनी तहज़ीब के नुमाइंदे हैं। इस मुसिलम युवा ने अपनी जान पर खेल कर कुएं में गिरी हुई गाय को सुरक्षित निकाला। इस युवा का ये क़दम निहायत ही सराहनीय है।

इन शब्दों के साथ इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजि़म दारूल उलूम निज़ामिया फरंगी महल ने दारूल उलूम में मोहम्मद ज़की को सम्मानित किया।

मौलाना ने इस युवा को मुबारकबाद दी कि उसने एक बे ज़बान मख़्लूक़ की जान बचाई। उनहोंने कहा कि ऐसे माहौल में जबकि साम्प्रदायिक ताक़तें गोश्त को विषय बनाकर पूरे देश में नफ़रत की सियासत करने की कोशिश कर रहीं हों और दो बड़ी क़ौमों के दरमियान नफ़रत की दीवारें खड़ी करना चाह रही हों और दादरी के अखलाक़ अहमद की इसी वजह से हत्या कर दी गई हो, एक मुसलमान युवा का अपनी जान को जोखिम में डाल कर कुएं में कूद कर गाय को बचाना इस देश की बहुत पुरानी और गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक मिसाल है। एैसे व्यक्ति की जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।

इस अवसर पर हिसामुल इस्लाम सिद्दीक़ी, रईस अंसारी, मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी प्रधानाचार्य दारूल निज़ामिया फरंगी महल और मौलाना नसरूल्लाह आदि शामिल थे।