सूचना का अधिकार की ट्रेनिंग मदरसों में भी दी जानी चाहिएः हाफिज उसमान
अलनूर सोशल केयर फाउन्डेश्न की ओर से सूचना का धिकार अधिनियम पर सेमिनार व ट्रेनिंग प्रोग्राम
लखनऊ: पूर्व निर्धारति कार्यक्रम के अनुसार अन्नूर सोशल केयर फाउन्डेश्न संस्था की ओर से स्थान अल-क़ुरआन इन्सटीट्यूट के कान्फ्रेन्स हाल में सूचना का धिकार अधिनियम 2005 के एक दशक पूरा होने के उपलक्ष्य में आर.टी.आई मुद्दे पर एक सेमिनार का आयोजन हुआ जिसकी शुरूआत तिलावत क़ुरआन से हुई। कार्यक्रम के कनवेनर नजीबुर्रहमान मलमली ने इस सेमिनार और ट्रेनिंग प्रोग्राम के आयोजन का मकसद बयान करते हुए बताया कि अल्पसंयकों विषेश कर मुसलमानों में सूचना का अधिकार एक्ट के बारे में जारूगता पैदा करना और उन्हें उनके लिए प्रदेश एवं केन्दª सरकार द्वारा चलाइ जानी वाली योजनाओं से अवगत कराना है ताकि वह इस एक्ट का प्रयोग करके अपने हक़ को हासिल कर सके।
सर्व प्रथम अन्नुर फाउन्डेशन द्वारा तय्यार की गई किताब ‘‘हक़ इत्तेलाआत’’ (सूचना का अधिकार अधिनियम 2005) उक्त किताब का विमोचन सूचना आयुक्त हाफिज उसमान, आर.टी.आई कार्यकर्ता सलीम बेग,सेमिनार के कनविर नजीबुर्रहमान मलमली नदवी और मौलाना शाह फखरे आलम नदवी आदि लोगों ने किताब हाथ में लेकर किताब का विमोचन किया। खास बात यह थी कि यह किताब आर.टी.आई एक्ट आने के एक दशक बाद उर्दू भाषा में पहली बार लांच की गई। जिसकी तरतीब व पेशकश आर.टी.आई कार्यकर्ता सलीम बेग की और इसका पब्लिश करने का काम अन्नुर फाउन्डेशा के महासचिव नजीब मलमली नदवी ने किया। सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने इस किताब का विमोचन करते हुए खुशी का इज़हार किया और कहा कि यह किताब हर मकतब और मदरसों के तालबे इल्मों को दिया जाना चाहिए।
जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए माननीय सूचना आयूक्त हाफिज़ उसमान ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून का प्रचार प्रसार मदरसों में भी ट्रेनिंग कराकर किया जाना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि यहाँ मदरसों के लोग मौजूद हैं उन्हें चाहिए कि सूचना का अधिकार कानून जानें और इसका इस्तेमाल करें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मूझे आयोग में दो साल हो गए लेकिन एक भी एपलीकेशन उर्दू ज़बान में नही आई। कुछ आर.टी.आई कार्यकताओं के सवालों का जवाब देते हुए उन्हों ने टेकनिकल अंदाज इखतियार करने का तरीका बताया। आर.टी.आइ. कार्यकर्ता संजय आजाद का आरोप था कि आपके अलावा अन्य आयुक्त सूचना नही दिला पाते और बिना सूचना दिलाए ही केसों को निस्तारित कर देते हैं। सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह विश्ट का नाम लेकर कई कार्यकाताओं ने कडे शब्दों में आलोचना की। लेकिन सूचना आयुक्त हाहिज उसमान ने अन्य आयुक्त से संबधित किसी भी सवाल का जवाद देने से गुरेज किया।। हाहिफ उस्मान ने अन्नूर फाउन्डेशन के जि़म्मेदारों के इस कदम की सराहना करते हुए यह सलाह दी कि इस तरह का कार्यक्रम का आयोजन मदरसों और मकतबों मे भी किया जाना चाहिए और उन्होंने लीडरशीप डवलपमेंट पर जोर दिया। आर.टी.आई कार्यकर्ता सलीम बेग ने आर.टी.आई का दस साल के अनुभव का जिक्र करते हुए अनेक आरटीआई के प्रयोग से मिलने वाली कामयाबियों का विस्तार से रौशनी डाल कर प्रतिभागियों का हौसला बढाया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दोपहर लंच के बाद आर.टी.आई ट्रेनिंग का कार्यक्रम शुरू किया गया।
ट्रेनर मुरादाबाद के आर.टी.आई एक्टीविस्ट एंड रिर्सचर सलीम बेग ने प्रतिभागियों को आर.टी.आई एक्ट को प्रयोग से संबन्धित बृहद और ट्रेनिंग दी जिसमें सूचना मांगने, प्रथम अपील दायर करने, दूसरी अपील दायर करने और आपत्तियां भेजने से संबन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रतिभागियों से ट्रेनिंग के दौरान ही आर.टी.आई आवेदन लिखवाए और इन आवेदनों को अपने अनुभव के आधार पर एक्ट के अनुरूप परिवर्तित भी कराया।
ट्रेनिंग कार्यक्रम की अध्यक्षता मानव अधिकार एवं आर.टी.आई कार्यकर्ता इंज0 संजय शर्मा ने की। प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए संजय ने कहा कि सभी प्रतिभागियों को न केवल सवंय आर.टी.आई दायर करनी है बल्कि अन्य लोगो को भी आर.टी.आई दायर करने के लिए प्रेरित करना है। तभी इस ट्रेनिंग की सार्थकता साबित होगी
इस कार्यक्रम में आर.टी.आई कार्यकाताओं में राम सोरूप यादव, तौसीफ षमषाद, अषोक कुमार एडवोकेट, डा0षमीम अहमद, तनवीर अहमद सिद्दीकी ने भी अपना विचार वयक्त किये।
कार्यक्रम में विभन्न जनपदों जैसे मुरादाबाद,सुलतान पुर, बाराबंकी, फैजाबाद, बरेली ,बहराइच,दिल्ली और हैदराबाद के अलावा लखनऊ के समाजी कार्यकाताओं और विभन्न मदरसे से जुडे हुए लोग बडी तादाद में सम्मलित हुए जिनमें अल-कुरआन इन्स्टीट्यूट के अध्यक्ष मसउद अहमद, महिला समाजी कार्यकर्ता निकहत खान का नाम खास तौर से काबिले जिक्र है।