बख्शे नहीं जाएंगे दादरी के दोषी: अखिलेश
मुख्यमंत्री से मिला अखलाक़ का परिवार, आर्थिक सहायता बढाकर 30 लाख की
लखनऊ। दादरी हत्याकांड में मारे गए मोहम्मद अखलाक का परिवार आज सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने पहुंचा। मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। परिजनों में स्व0 अखलाक की मां, भाई, बेटी और दामाद सम्मिलित थे। मुख्यमंत्री ने पीडि़त परिवार को ढांढ़स बंधाया और उन्हें हर प्रकार की सहायता एवं सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने मृतक के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 30 लाख रुपए करने की भी घोषणा की। उन्होंने स्व0 अखलाक के तीन भाइयों, जो अत्यन्त गरीब हैं, के लिए भी 05-05 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना में स्व0 अखलाक के घायल पुत्र का इलाज सरकारी खर्चे पर करवाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उसके बेहतर इलाज के लिए अगर किसी अन्य अस्पताल में उसे भर्ती कराने की आवश्यकता हुई तो यह कदम भी उठाया जाएगा।
मुलाकात के दौरान परिजनों ने बताया कि इस घटना से पूर्व गांव में ऐसी परिस्थिति नहीं थी और सभी लोग मिलजुल कर रह रहे थे। मुख्यमंत्री ने उनका दर्द साझा करते हुए उन्हें हर प्रकार की मदद का आश्वासन दिया।
श्री यादव ने इस घटना की भत्र्सना करते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ न्यायोचित कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और ऐसी घटनाओं में लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
अखलाक से परिवारों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ‘दादरी मामले में राजनीति की जा रही है। कुछ लोग राजनीति को अंजाम दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पता नहीं, किसने यह जहर घोला, लेकिन परिवार को न्याय जरूर मिलेगा और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। परिवार की पूरी मदद की जाएगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पीड़ित दुखी ही नहीं, बल्कि परेशान भी है। मैं इनके पास नहीं पहुंच पाया, इसलिए सोचा की इन्हें यहां बुलाकर बात करूं, क्योंकि बात करने से उनका दुख बांट सकता हूं। समाजवादी लोग ऐसे मामलों में राजनीति नहीं करते। देश की ताक़त भाइचारा है, वो ख़त्म नहीं होना चाहिए। सरकार परिवार की पूरी मदद करेगी। ज़रूरत होगी तो नौकरी भी देंगे, रहने के लिए मकान देंगे और इनके घायल बेटे के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘जब से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तब से कुछ ताकतें माहौल बिगाड़ने का काम कर रहीं हैं। राजनीति करने वाले राजनीति करने का कुछ न कुछ रास्ता निकाल लेते हैं।’
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अखलाक के परिवार को सीएम से मिलने उनके पास जाना पड़ रहा है। नैतिक रूप से सीएम को स्वयं उनके परिवार से मिलने जाना चाहिए था। इसके अलावा भाजपा के यूपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि यह सिर्फ एक पशु पालक और पशु संहारक के बीच का झगड़ा था, जिसे बेहद विशाल रूप दे दिया गया।
दूसरी ओर बिसहांडा गांव की महिलाओं ने विरोध जताते हुए कहा कि गांव में मीडिया और राजनेताओं का तांता लगा हुआ है। इस तरह से लोग लोकप्रियता बटोरने के लिए तो आ रहे हैं, लेकिन पीड़ित परिवार की मदद करने कोई नहीं आ रहा। इसके अलावा महिलाओं का कहना है कि गांव में जिस तरह का माहौल तैयार हो रहा है उससे उन लोगों को और ज्यादा असुरक्षा महसूस हो रही है।
आपको बता दें कि यूपी में हुए दादरी कांड के बाद पीड़ित परिवार से मिलने वालों का तांता लग गया। शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं ने मृतक अखलाक के परिजनों से मुलाकात की। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अखलाक के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात नहीं की।
अखिलेश के नोएडा नहीं जाने के पीछे अंधविश्वास को कारण बताया जा रहा था। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक अंधविश्वास के चलते ही अखिलेश नोएडा नहीं गए। कहा जाता है कि यह एक टोटका है कि यूपी का जो सीएम नोएडा आता है, वो अगला चुनाव हार जाता है। खबर है कि इसी अंधविश्वास की वजह से अखिलेश यादव अखलाक के परिवार से मिलने के लिए दादरी नहीं आए। इससे पहले भी कई सीएम नोएडा जाने से बचते रहें।