इंस्ताबुल। तुर्की के तट पर बुधवार को मिले एक बच्चे के शव ने यूरोप में बढ़ रहे शरणार्थी संकट की विभीषिका को जाहिर किया। माना जा रहा है कि लाल रंग की टी-शर्ट और नीले जूते पहने यह बच्चा उन 12 सीरियाई लोगों में से एक है, जो ग्रीस पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। मगर, उनकी नाव डूब जाने से बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। बच्चे का शव किसी तरह बहते हुए तुर्की के प्रमुख पर्यटक रिसॉर्ट में से एक के पास समुद्र किनारे पहुंच गया। सोशल मीडिया में बेजान इस बच्चे की तस्वीर आग की तरह फैल गई। स्पेन से लेकर स्वीडन तक के फ्रंट पेज पर इसकी तस्वीर छाई हुई है। हजारों लोग युद्ध और संघर्ष से भाग रहे हैं। टि्वटर पर ह्यूमैनिटी वाश्ड एशोर नाम से यह तस्वीर वर्ल्ड टॉप ट्रैंडिंग टॉपिक्स बना हुआ है। ब्रिटेन के डेली मेल ने इस तस्वीर को ‘टिनी विक्टिम ऑफ ए ह्यूमन कैटास्ट्रोफी’ करार दिया तो इटली के ला रिपब्िलका ने ट्वीट किया ‘वन फोटो टू साइलेंस द वर्ल्ड’। ब्रिटेन के अखबार इंडिपेंडेंट ने कहा कि यदि समुद्र के तट पर बहकर आए मृत सीरियाई बच्चे के शव की यह शक्ितशाली तस्वीर शरणार्थियों के प्रति यूरोप का दृष्टिकोण नहीं बदल पाए, तो और क्या उन्हें बदल पाएगा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लोगों की जान बचाने के लिए यूरोपीय एक बार फिर सबसे बड़ा आंदोलन चला रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी और इटली ने यूरोपियन शरणार्थी नियमों के बारे में पुनर्विचार करने की गुजारिश की, ताकि 28 सदस्यों के बीच शरणार्थियों का स्पष्ट वितरण हो सके। यह मांग ऐसे समय में की गई है, जब बढ़ रही शरणार्थियों की संख्या को देखते हुए यूरोपियन स्टेट्स के बीच तनाव पैदा हो गया है कि वे इससे कैसे निपटें।