नई दिल्ली। हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की तारीफ की थी और उन्हें ऐसा क्रिकेटर करार दिया था जो कप्‍तानी के लिए ही पैदा हुआ है। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और निर्णायक टेस्ट में टीम इंडिया की झोली में शानदार जीत देकर विराट कोहली ने इसी बात को साबित कर दिया है।

श्रीलंका पर जीत से टीम इंडिया ने 22 वर्षों का जीत का सूखा खत्म किया। यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार टेस्ट सीरीज जीती। मेहमान टीम ने मेजबान श्रीलंका को जीत के लिए 386 रन का टारगेट दिया था। लेकिन उसके सभी बैट्समैन इंडियन पेस बैटरी इंशात शर्मा और अश्विन की फिरकी के सामने कुछ खास नहीं कर सके और 268 रन पर पवेलियन लौट गए। टीम इंडिया ने यह मैच 117 रन से जीता।

भारत ने विराट की कप्तानी में 22 साल बाद श्रीलंका को उसी के मैदान हराया है। अगर ओवरऑल देखा जिए तो टीम इंडिया ने 2011 के आद विदेश में यह पहली सीरीज जीती है। इस मैच में ही इशांत शर्मा ने टेस्ट करियर के 200 विकेट भी पूरे किए।

विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम को गॉल में पहले टेस्ट मैच में 63 रन से हार झेलनी पड़ी थी, हालांकि पी. सारा ओवल मैदान में वापसी करते हुए उन्होंने 278 रनों से जीत हासिल कर ली। इसके बाद तीसरे टेस्ट में इस गति को बनाए रखने और विराट कोहली के नेतृत्व में जीत हासिल कर भारतीय टीम ने एक नए युग का सूत्रपात किया है।

भारत 1993 के बाद से अब तक श्रीलंकाई धरती पर कोई भी टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत सका था। श्रीलंका दौरे से पहले, महेंद्र सिंह धोनी के बिना और युवा खिलाड़ियों से सजी टीम से कम ही उम्मीदें लगाई जा रही थी। हालांकि टीम के कई प्रमुख खिलाड़ियों चोटिल भी थे जिससे भारत की राह कठिन होने की उम्मीदें लगाई जा रही थीं। दोनों सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और शिखर धवन चोट के कारण बाहर थे, वहीं विकेटकीपर रिद्धिमान साहा भी तीसरे टेस्ट में नहीं खेल रहे थे।