मुंबई। मुम्बई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिए हैं कि जिस तरह यौन शोषण के मामलों में महिलाओं को सरकार की तरफ से हर्जाना दिया जाता है, वैसी ही नीति रेप पीड़ित पुरुषों के लिए भी होनी चाहिए। हाईकोर्ट जज वीएम कानाडे ने कहा कि महाराष्ट्र के रिमांड होम में लड़कों के साथ यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं और इसलिए इन पीड़ितों के पुनर्वास की स्कीम बनाई जानी चाहिए।

उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से प्रश्न पूछा कि ऐसे मामलों में लड़कों के लिए अलग से कोई स्कीम क्यों नहीं है। उन्होंने सरकार को इस बारे में समुचित कारवाई करने के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया। 

हाल ही हुए शोलापुर के कवदास अनाथालय में हुए यौन शोषण मामले का उल्लेख करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की। इस मामले में अनाथालय के संचालक सहित छह लोगों को दोषी पाया गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले यौन अपराधों पर जमकर हो-हल्ला होने के बाद इस तरह के अपराधों में कमी आई है। परन्तु इस तरह की कोई जागरूकता पुरुषों के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामलों में नहीं दिखाई देती।