यूपीनेडा के कार्य प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) को अखिल भारत स्तर पर एसोसिएशन आॅफ रिन्यूबल एनर्जी एजेंसी आॅफ स्टेट्स (एरियास) द्वारा विभिन्न श्रेणियों के 06 पुरस्कारों से नवाजे जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के क्षेत्र में यूपीनेडा द्वारा किए जा रहे कार्य प्रदेश के विकास और यहां की जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काफी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हंै।
यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एम0एन0आर0ई0) के निर्देश पर 27 अगस्त, 2014 को गठित ‘एरियास में’ अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के क्षेत्र में काम करने वाले भारत सरकार के साथ-साथ सभी प्रदेशों की नोडल एजेंसियां सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस संस्था द्वारा मुख्य रूप से आपसी सहयोग बढ़ाने, सलाहकार सेवाएं प्रदान करने, विभिन्न संयंत्रों के मानकों का निर्धारण करने आदि के अलावा सभी प्रदेशों की एजेंसियों द्वारा किए जा रहे अच्छे तथा अभिनव कार्यों को जानने एवं समझने का मंच मुहैया कराया जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि संस्था ने बैंगलोर में अपना पहला स्थापना दिवस मनाते हुए यूपीनेडा को 31 मार्च, 2015 तक पूरे देश में अधिकतम संख्या में सोलर होम लाइटिंग एवं सोलर स्ट्रीट लाइटिंग तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 में पूरे देश में ग्रिड कनेक्टेड बायोमास पावर स्थापना में सर्वाधिक क्षमता वृद्धि के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके साथ ही 31 मार्च, 2015 तक देश में सर्वाधिक ग्रिड कनेक्टेड बायोमास पावर स्थापना में क्रमिक उपलब्धि के लिए द्वितीय पुरस्कार तथा इसी अवधि तक देश में सर्वाधिक सोलर वाॅटर पम्प्स स्थापना में क्रमिक उपलब्धि प्राप्त करने हेतु तृतीय पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा, यूपीनेडा को प्राथमिक विद्यालयों में सोलर आर0ओ0 वाटर की अभिनव योजना हेतु भी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यूपीनेडा की तरफ से इन 06 पुरस्कारों को यूपीनेडा की निदेशक डाॅ0 (श्रीमती) काजल ने केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल से प्राप्त किया।
इस मौके पर यूपीनेडा की निदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत को विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष तीन गुना अधिक बजट की व्यवस्था की गई है। सौर ऊर्जा को लेकर मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत रुचि का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से दूर-दराज के गांवों के लिए मिनी ग्रिड योजना, लोहिया आवास में सोलर पावर पैक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट एवं राजकीय स्कूलों में सोलर आर0ओ0 जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। यद्यपि बायोमास के क्षेत्र में राज्य में पहले ही काफी काम हो रहा था, लेकिन इस क्षेत्र में और अधिक लोगों की सहभागिता प्राप्त करने के लिए बायोमास पाॅलिसी तैयार की जा रही है, जिसका ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है। कामधेनु डेयरी परियोजना के फलस्वरूप राज्य में बायोमास के माध्यम से विद्युत उत्पादन की काफी सम्भावना है, जिसके दोहन के लिए यूपीनेडा गम्भीरता से काम कर रहा है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर ग्रामीण क्षेत्रों में मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु 01 लाख 39 हजार सोलर लाइट संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,100 डाॅ0 लोहिया ग्रामों में 26,200 तथा 2,000 श्री जनेश्वर मिश्र ग्रामों में 16,000 सोलर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बने लोहिया आवासों में 84,481 सोलर पावर पैक की स्थापना का कार्य कराया जा रहा है, जिसके तहत एक आवास में 02 एल0ई0डी0 लाइट तथा 25 वाॅट क्षमता का एक डी0सी0 सीलिंग फैन की सुविधा प्रदान की जा रही है।