बर्लिन में बिखरा आशा भोंसले की आवाज़ का जादू
रिपोर्ट: आरिफ नकवी
बॉलीवुड की मशहूर गायिका आशा भोंसले ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन के हजारों लोगों को अपनी जादू भरी आवाज से मंत्रमुग्ध कर दिया। सैकड़ों लोग जिनमें बड़ी उम्र के लोग भी शामिल थे उनकी आवाज पर थिरकने पर मजबूर हो गए। आशा भोंसले की यह बर्लिन में पहली प्रस्तुति थी, उन्हें देखने और सुनने के लिए भारतीय, पाकिस्तानी और विशेष रूप से जर्मन कई घंटे पहले से मौजूद थे, ताकि कॉन्सर्ट सुनने के लिए जगह मिल सके।
आशा भोंसले का यह कार्यक्रम यहाँ पर होने वाले उस समारोह का हिस्सा था, जो मदर इंडिया के नाम से इस महीने उस जगह पर हो रहा है जिसमें सूफी संगीत, सितार, कव्वाली, फिल्में और विभिन्न संगीत के कार्यक्रम पेश किए जा रहे हैं। आशा भोंसले अपने ऑर्केस्ट्रा के अलावा अपनी 13 वर्षीय गायिका पोती को भी साथ लाई थीं, जिनके गीत भी प्रस्तुत किए गए। अपने शुरूआती गीतों के बाद जब उन्होंने गाया ” दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी ” तो लोग झूमने लगे और फिर जब उनकी आवाज में ” झुमके गिरा रे, बरेली के बाजार में झुमके गिरा रे ” गूंजा तो लोग जोश में खड़े हो गए और नाचने लगे। और फिर उनके गीत ‘लग जा गले के फिर यह हसीं रात हो न हो’ ‘और गीत’ ‘यह मेरा दिल दीवाना यार का परवाना। ” पर लोगों खूब तालिया बजाईं|
इसके बाद उन्होंने उमराव जान अदा की ” दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए … बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए। ” तरंग के साथ पेश किया। आशा ने जैसे ही ” इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं … ” ग़ज़ल को छेड़ा, लोगों पर जैसे जादू छा गया| अंत में आशा भोंसले के गीत ‘दम मारो दम लुट गए हम … ” पर वह जर्मन जो हिंदी शब्दों के अर्थ भी नहीं समझते थे ऑर्केस्ट्रा की शानदार धुन पर मस्त हो गए ।
आशा भोंसले के संगीत कार्यक्रम से पहले इसी स्टेज पर एक यूनानी ऑर्केस्ट्रा ” कंपानिया के कलाकारों ने कई बॉलीवुड गीतों को यूनानी भाषा में यूनानी आर्केस्ट्रा के साथ सुंदर शैली में प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। मशहूरयूनानी कलाकार फिल्म आलोचक और लेखक जूरी गोस मारकाकेस ने इस अवसर पर बताया कि बॉलीवुड फिल्में और गीत विशेष रूप से 50 के दशक से ग्रीस में लोकप्रिय हो रहे हैं।
कॉन्सर्ट के बाद रात को दस बजे राज कपूर की फिल्म आवारा दिखाई गई। इससे एक दिन पहले एक नौजवान कलाकार उरूज आफताब ने बेहतरीन संगीत पेश किया और अपने सूफियाना अंदाज़ से भारतीय रागों के साथ गाने पेश करते हुए लोगों के दिलों को जीता। उरूज ने अपनी मीठी और जोरदार आवाज में जिन गीतों से विशेष रूप से दाद हासिल की उनमें से कुछ हैं: ” का करूँ सजनी आए न बालम .. ”, ” बागों में पड़े झूले तुम भूल गए हमको ”, ” यह आँखों में चेहरा … ” ” न जा बलम परदेस … कब से पिया तोरी राह तकत” मोहब्बत करने वाले कम न होंगे तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे … ‘रस के भरे नैनवा …’ ‘ और फिर अंत में एक पंजाबी गीत।
संगीत कार्यक्रम के बाद एक निजी बातचीत में उरूज आफताब ने मुझसे कहा कि ” संगीत राष्ट्रों के बीच दोस्ती और भाईचारा पैदा करने का बहुत बड़ा स्रोत है। भारत और पाकिस्तान में भी हमें प्रयास करना चाहिए कि दोस्ती, शांति और सुखद माहौल पैदा हो। यह काम विशेष रूप से युवाओं का है। उन्हें समझना चाहिए भविष्य उनके साथ है।
मेरे एक सवाल के जवाब में कि आपके ज्यादातर गीतों में मुझे राग भैरवी का रंग नजर आया। उरूज ने कहा: ” हाँ मुझे राग भैरवी बहुत पसंद है। ”
युवा गायिका उरूज आफताब का संबंध लाहौर, पाकिस्तान से है। वह वहाँ से बर्कले और बरोलाईन होती हुई न्यूयॉर्क पहुंची थीं और हाल में उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की है।
बर्लिन स्प्रे नदी के किनारे यह संगीत समारोह, जो यहाँ पर वाटर म्यूजिक 2015 मदर इंडिया के नाम से 17 जुलाई को शुरू हुआ और 8 अगस्त तक जारी रहेगा| इसमें बॉम्बे के नाम से एककॉन्सर्ट, तलवीन सिंह का कॉन्सर्ट और फिल्म पाकीज़ा, जेड.रहमान कॉन्सर्ट, कॉन्सर्ट स्वामी, रेड बारात, कौंकनी गोवा कलाकारों का कॉन्सर्ट, उरूज आफताब और आशा भोंसले का कॉन्सर्ट, और अन्य संगीत कार्यक्रम और बातचीत आदि कार्यक्रम हो चुके हैं। समारोह में रविशंकर की शिष्या
शर्मा रहमान अपना कॉन्सर्ट और नुसरत फतेह अली के वारिस आसिफ अली खान और उनके साथी कव्वाली पेश करेंगे। नुसरत फतेह अली पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया जाएगा। 8 अगस्त को मंगल पतासार और बार्मर बॉयज के कॉन्सर्ट होंगे। समारोह का समापन फिल्म मदर इंडिया ‘से होगा|