लखनऊ: वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डा. कल्बे सादिक ने कहा है कि एक बार में तीन तलाक का मसला हल होना चाहिए। इससे मुस्लिम बहू-बेटियों के साथ बहुत नाइंसाफी हो रही है।

'हिन्दुस्तान' से बातचीत में मौलाना डा. सादिक ने कहा कि जिस तरह से हिन्दू धर्म में कई मत और विचारधारा को मानने वाले लोग हैं उसी तरह से मुसलमानों में भी अलग-अलग मत और विचाराधाराओं के मानने वाले हैं। मुसलमानों में शिया समुदाय एक ऐसा समुदाय है जहां निकाह करना बहुत आसान है मगर तलाक मिलना बहुत मुश्किल।

शिया समुदाय में तलाक की प्रक्रिया कई महीने चलती है इस दौरान गवाही होती हैं, बयान होते हैं। यह देखा जाता है कि लड़की पक्ष तो कोई ज्यादती नहीं कर रहा या फिर लड़के वाले तो कहीं गलत नहीं हैं।

एक बार में तीन तलाक को जायज ठहराए जाने के बाबत पूछे गये सवाल के जवाब में मौलाना डा. सादिक ने कहा कि हम किसी अन्य मत या विचारधारा के उलमा पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। मगर इतना जरूर चाहते हैं कि तीन तलाक का यह मसला हल होना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में नाइंसाफी तो शरीअत की अलग-अलग ढंग से व्याख्या करने वाले कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शरीअत में साफ कहा गया है कि तर्क और इंसाफ के खिलाफ कहीं कुछ भी नहीं है। इस मामले में मौलाना वहीदुद्दीन के विचारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मौलाना वहीदुद्दीन भी यही मानते हैं कि तलाक कोई बहुत आसान प्रक्रिया नहीं है बल्कि तलाक का प्रावधान बहुत ही आपात स्थिति के लिए ही किया गया है।

मौलाना डा. सादिक ने कहा कि उलमा इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और इसका कोई हल अवश्य तलाशें वरना मुसलमानों में महिलाओं के सामने यह संकट बना ही रहेगा।