मोगा बसकांड पर संसद में हंगामा
नई दिल्ली : मोगा बसकांड को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने आज मोगा छेड़छाड़ मामले में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया। जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। इससे खफा विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित की। वहीं बाद में राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित की गई।
इसके उपरांत कांग्रेस सांसद दोनों सदनों में इस मामले में चर्चा की मांग करते नजर आए। कांग्रेस ने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह ने बिगड़ती कानून व्यस्था का हवाला देते हुए पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वहीं, सदन में टीआरएस के सांसदों ने तेलंगाना में अलग हाई कोर्ट के गठन को लेकर भी हंगामा किया। संसद को दोनों सदनों में आज कार्रवाई शुरू होते ही मोगा कांड को लेकर हंगामा बढ़ता गया। विपक्ष ने एकजुट होकर सरकार पर हमला बोला और बादल परिवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उधर, राज्यसभा में भी मोगा कांड को लेकर चर्चा कराए जाने की मांग की गई। वैंकेया नायडू ने कहा कि इस संबंध में नोटिस पर सहमति के बाद ही चर्चा की जाएगी। हालांकि इस मामले को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया है इसलिए नोटिस पर सहमति के बाद ही चर्चा होगी।
राज्यसभा में मोगा में बच्ची और मां को चलती बस से फेंकने और बच्ची की मौत हो जाने के मोगा के केस पर मायावती ने कहा कि असली दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की जनता का आक्रोश देखते हुए बस मालिकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मोगा मामले पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में कानून और व्यवस्था खत्म हो चुकी है इसलिए हमने प्रेजिडेंट रूल की सिफारिश की है।
कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले पर व्यापक चर्चा चाहती है क्योंकि यह मामला महिला सुरक्षा और प्रशासन समेत कानून व्यवस्था से जुड़ा है। जब तक यह चर्चा नहीं होगी तब तक कांग्रेस इस पर अड़ी रहेगी। राज्यसभा में सीताराम येचुरी ने कहा कि एक मंत्री ने कहा कि मोगा में छेड़छाड़ का जो मामला है, वह ‘ऐक्ट ऑफ गॉड’ है। मुझे नहीं लगता कि ऐसे मिनिस्टर को सरकार में होना चाहिए। वहीं आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार की पहली प्रतिक्रिया थी कि पीड़ित को कोई प्रोटेक्शन न दी जाए। अमरिंदर सिंह ने कहा कि मोगा का मामला पहला मामला नहीं है। ऐसे 8 मामले हो चुके हैं और ज्यादातर में कोई कदम नहीं उठाया गया। संसद के बाहर उन्होंने कहा कि हर बस को पुलिस सिक्योरिटी दी जा रही है।