नई दिल्ली। यूपी विधासभा के बाहर प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर यूपी में सियासत गरमा गई है। बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री की शह पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया। आरोप ये भी है कि बीजेपी के जो नेता लखनऊ में थे ही नहीं, उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे ही कायम कराए गए। अब यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने हजरतगंज थाने में मुख्यमंत्री और अधिकारियों के खिलाफ अर्जी देकर केस दर्ज करने की मांग की है।
विधानसभा के बाहर कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हुए इस लाठीचार्ज को लेकर अब मुकदमे की सियासत शुरू हो गई है। अपने कार्यकर्ताओं की पिटाई पर बीजेपी आक्रामक है। बीजेपी का आरोप है अखिलेश की शह पर उनके कार्यकर्ताओं की पिटाई की गई।

बीजेपी का इल्जाम है कि उनके जो नेता प्रदर्शन के दौरान वहां नहीं थे उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखे गए। बीजेपी अब इसे मुद्दा बनाने में जुट गई है। गुरूवार को यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव मौर्य खुद हजरतगंज थाने पहुंचे और मुख्यमंत्री अखिलेश समेत कई अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी।

मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा है लिहाजा पुलिस ने अबतक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। इस बीच बीजेपी के प्रमुख नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस पर हमला करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में जख्मी पुलिसवालों का भी जिक्र किया है जिन्हें प्रदर्शन के दौरान चोटें आईं।
बीजेपी के तमाम बड़े नेता अस्पताल में भर्ती उन कार्यकर्ताओं को देखने अस्पताल भी पहुंच रहे हैं जिन्हें लाठीचार्ज में चोटें आई हैं। जाहिर है मामला ठंड़ा पड़ता नहीं दिख रहा है। समाजवादी पार्टी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हिंसक प्रदर्शन करने और सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया है।
यूपी में 2017 के लिए चुनावी माहौल तैयार होने लगा है। विधानसभा के बाहर प्रदर्शन, लाठीचार्ज और अब लाठीचार्ज पर हो रही सियासत इसी की बानगी है। बीजेपी अखिलेश सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ अखिलेश सरकार भी बीजेपी को घेरने में जुटी है।