यूपी: मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष का विधानसभा में हल्लाबोल
लखनऊ: मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विधान परिषद में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ जोरदार हंगामा किया। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बसपा, भाजपा, कांग्रेस और रालोद के साथ शिक्षक दल और निर्दलीय समूह के सदस्यों ने भी सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी की। इस दौरान भाजपा के सदस्य वेल में धरने पर बैठ गए। नारेबाजी और हंगामे के बीच सभापति रमेश यादव को सदन की कार्रवाई तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
वंदेमातरम के बाद सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। हाथों में सरकार विरोधी पोस्टर, बैनर थामे विपक्षी सदस्य सभापति के समझाने के बावजूद शांत नहीं हुए। हंगामे को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्रवाई पहले 15 मिनट के लिए और उसके बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 12 बजे पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक संदेश दिए जाने के बाद शून्य काल शुरू होते ही विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच कर बैनर लहराने लगे। बुलंदशहर कांड समेत अपराध की बढ़ती वारदातों का हवाला देते हुए विपक्ष ने सरकार के औचित्य पर सवाल खड़े किए। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान, कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना और वित्त विहीन शिक्षकों को वेतन दिए जाने की मांग को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा।
शोर शराबे और हंगामे के बीच प्रमुख सचिव डॉ. मोहन यादव और नेता सदन अहमद हसन ने कार्यसूची की मदों को सदन के पटल पर रखा। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्रवाई मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
शोक प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक हुई। नेता सदन अहमद हसन ने मानवीय संवेदनाओं का हवाला देते हुए विपक्ष पर शोक प्रस्ताव के दौरान हंगामा करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि विपक्ष के सदस्य शोक प्रस्ताव सुनने के बाद अपनी जगह पर वापस लौट आए, खुद नेता सदन और सत्ता पक्ष के लोग शोक प्रस्ताव के बीच में बोल रहे हैं। अहमद हसन ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं है इसलिए हंगामा कर रहे हैं।