भोपाल : 75 साल से ऊपर के नीतिगत दायरे में आने के बाद मंत्री पद से हटाए गए पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर फिर खबरों की सुर्खियों में हैं।
राज्य की राजधानी भोपाल में स्वतंत्रता दिवस पर हर वर्ष आयोजित होने वाली कांग्रेस विधायक आरिफ अकील की पैगाम ए मोहब्बत रैली में बाबूलाल गौर शामिल हुए। इसमें कांग्रेस के आला नेता भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में गौर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। रैली का उद्घाटन गौर ने एक झंडा दिखाकर किया। यहीं से सारा विवाद पैदा हो गया।
जिस झंडे को बाबूलाल गौर ने दिखाया वह कांग्रेस पार्टी का झंडा था। जैसे ही बाबूलाल गौर ने रैली को झंडा दिखाया और उनकी तस्वीरें खिंची वैसे ही उनकी ये तस्वीरें कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर छा गईं। कार्यक्रम के दौरान उनके करीब पूर्व नेता प्रतिपक्ष राहुल सिंह भी मौजूद थे।

बता दें कि 85 वर्षीय बाबूलाल गौर ने इस मुद्दे पर विवाद होने पर अपनी ओर से सफाई भी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पार्टी में ही हैं और यह सब दुर्घटनावश हुआ है।

उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व तक बाबूलाल गौर राज्य में अहम मंत्रालय का काम देख रहे थे। लेकिन पार्टी की 75 पार नेताओं को मार्गदर्शक की भूमिका में लाने की मुहिम के तहत उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस बात से गौर काफी नाराज़ थे। उन्होंने अपनी नाराजगी मीडिया के सामने खुले तौर पर जाहिर भी की थी।

उनकी नाराजगी कई बार खुले मंच से देखने को मिली। विधानसभा के मानसून सत्र में गौर ने इंदौर और भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर भी राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि मैं नगरीय प्रशासन मंत्री होता तो अब तक मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया होता। उन्होंने अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश की थी। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में यह भी कहा था कि राज्य सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है।