नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक में टेनिस के मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में हार के बाद सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की भारतीय जोड़ी कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में चेक गणराज्य की लुसी ह्रादेका और रादेक स्तेपानेक हार गई. इसके साथ ही इनकी कांस्य पदक जीतने की संभावना भी समाप्त हो गई. यह जोड़ी पहला सेट में 1-6 से और दूसरा सेट 7-5 से हार गई.

गौरतलब है कि शनिवार को मिक्स्ड डबल्स में सानिया और बोपन्ना की जोड़ी सेमीफाइनल में अमेरिका की वीनस विलियम्स और राजीव राम की जोड़ी के सामने हार गई थी.

ओलिंपिक इतिहास में भारत केवल एक बार टेनिस में मेडल जीतने में सफल रहा है. वह भी 1996 में अटलांटा में व्यक्तिगत स्पर्धा में लिएंडर पेस ने कांस्य पदक जीता था. हालांकि पेस रियो में पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना के साथ पहले ही मैच में बाहर हो गए थे.
सानिया-बोपन्ना को सेमीफाइनल में शनिवार को 2-6, 6-2 और 10-3 से हार का सामना करना पड़ा था.इससे पहले सानिया मिर्जा-रोहन बोपन्ना ने सातवें दिन अपना क्वार्टर फाइनल मैच जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया था. क्वार्टर में सानिया-बोपन्ना ने ब्रिटेन के एंडी मरे और हीथर वॉटसन को 6-4, 6-4 से आसान शिकस्त देते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई. यह मुकाबला 67 मिनट चला. इससे पहले के मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई टेनिस खिलाड़ी समांथा स्टोसुर और जॉन पियर्स की जोड़ी को सीधे सेटों में 7-5, 6-4 से हराया था.
विश्व की नंबर एक डबल्स खिलाड़ी सानिया मिर्जा और उनकी अनुभवहीन जोड़ीदार प्रार्थना थोम्बारे को ओलंपिक टेनिस टूर्नामेंट के महिला डबल्स के पहले दौर में ही शुहाई च्यांग और शुहाई पेंग की चीनी जोड़ी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. सानिया और प्रार्थना ने हालांकि अपनी अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती दी लेकिन दो घंटे 44 मिनट तक चले मैच में आखिर में उन्हें 6-7, 7-5, 5-7 से हार का सामना करना पड़ा था.