22 मार्च को भारत में ‘जनता कर्फ्यू’
पीएम मोदी ने देश से मांगे कुछ हफ्ते
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा है कि हर भारतीय को सतर्क रहने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट के गंभीर दौर से गुजर रहा है. कभी कोई प्राकृतिक संकट आता है तो कोई देश या राज्यों तक सीमित रहता है. यह आपदा दुनिया भर के लोगों को संकट में डाल दिया है. प्रथम विश्व युद्ध के समय भी इतनी परेशानी नहीं हुई थी, जितनी अभी कोरोना की वजह से है. पिछले दो महीने से हम कोरोना की खबरे सुन रहे हैं, देख रहे हैं. देशवासियों ने बचने के लिए कोशिश किया है, फिर भी परेशानी बढ़ रही है. पीएम ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाना सही नहीं है. हमें सजग रहने की जरूरत है. आपसे हमने जब भी जो भी मांगा है, देशवासियों ने निराश नहीं किया है. 130करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए. आपका आने वाला कुछ समय चाहिए. अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई उपाय नहीं ढूंढ़ पाया है, न ही कोई वैक्सीन बन पाई है. दुनिया के जिन देशों में कोरोना का प्रभाव जहां कोरोना का संकट सामान्य बात नहीं है, जब बड़े-बड़े और विकसित देश इससे प्रभावित है, तो ऐसे में यह सोचना कि भारत पर इसका असर नहीं पड़ेगा गलता है. दो चीजें जरूरी है-संकल्प और संयम. अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा, कि इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते हम केंद्र और राज्यों के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे. आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएगंगे.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्ततीय बैठक में हिस्सा लिया और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर, स्थानीय लोगों, संस्थाओं के माध्यम से इस समस्या निपटने में सहायता ली जानी चाहिए. इसके साथ उन्होंने अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से और कदम उठाने की भी अपील की. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों, मेडिकल क्षेत्र के लोगों, सेना और सुरक्षा बलों, नगर निगम के कर्मचारियों का आभार जताया जो कि इस समय बीमारी से लड़ने के लिए अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे हैं.