रुड़की के इस स्कूल में 25 साल से नहीं गया गया राष्ट्रगान
नई दिल्ली। हमारे देश में हर मौके पर सरकारी समारोह में, हर स्कूल में राष्ट्रगान गाया जाता है और हर कोई इसे बड़ी आस्था और गर्व के साथ गाता है। लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश में एक ऐसा स्कूल है जहां राष्ट्रगान नहीं गाया जाता है।
जी हां, आपने सही सुना रुड़की के एक स्कूल में पिछले 25 साल से राष्ट्रगान नहीं गाया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब उस स्कूल के प्रिंसिपल को भी राष्ट्रगान ठीक से याद नहीं है। अब वहां विरोध के चलते जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं लेकिन सवाल यही कि पिछले 25 साल से प्रशासन की कुंभकर्णी नींद क्यों नहीं टूटी थी?
राजधानी दिल्ली से करीब पौने दो सौ किलोमीटर दूर रुड़की के सिविल लाइन के सेंट जोन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पिछले 25 सालों से राष्ट्रगान नहीं गाया जाता हैं। इस बात की खबर लगते ही कई संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया और प्रिंसिपल को घेर कर उनसे सवाल पूछे जाने लगे।
विरोध के बाद लोगों ने प्रिंसिपल से इस बारे में जानना चाहा तो पहले तो वो कतराने लगे लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इस बात की तस्दीक वहां के छात्र भी कर रहे हैं कि पिछले कई सालों से यहां राष्ट्रगान नहीं गाया जाता है और उसे तो इस बात का भी मलाल है कि बाकी लोग इसका विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं।
इस मामले की जानकारी सामने आने के बाद बीजेपी युवा मोर्चा ने सरकार और स्कूल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक मदन कौशिक ने इस पूरे मसले को पुलिस तक ले जाने का ऐलान कर दिया है।
राष्ट्रगान का मामला देश की आनबान और शान से जुड़ा है लिहाजा इस मामले पर कांग्रेस भी खुल कर मैदान में आ गई। कांग्रेस के नेता अब पूरे मामले को मुख्यमंत्री हरीश रावत तक ले जाने की बात कह रहे हैं।
इस मामले में नेताओं के कूदने के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है और इलाके के एडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी जांच की बात करने लगे और ये दावा किया गया है कि अगर ये बात सच पाई गई तो स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि मामले के सामने आने के बाद जांच की बात कह रहे अधिकारियों को इस बात की भनक भी नहीं लगी कि जिस स्कूल में हजारों छात्र पढ़ते हैं वहां सालों से राष्ट्रगान गाया नहीं जा रहा है। सवाल यही कि हमारे देश के गौरव राष्ट्रगान को लेकर प्रशासन और स्कूल दोनों इतने लापरवाह क्यों हैं?