CJI बोले- कोर्ट नहीं रोक सकता दंगे
भड़काऊ भाषण पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार
नई दिल्ली: बीजेपी नेताओं के कथित भड़काऊ भाषण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में हर्ष मंदर ने आरोपी नेताओं के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने को लेकर निर्देश देने की मांग की है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए भी तैयार हो गया है। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच देने के मामले दो बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली याचिका पर दिल्ली की अदालत ने सुनवाई 23 अप्रैल तक टाल दी है।
इस याचिका पर मुख्यग न्यायाधीश जस्टिस बोबडे की पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने मामले को बुधवार (4 मार्च) तक के लिए टाल दिया गया है। इससे पहले दिल्लीस हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था।
याचिका पर चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव कोर्ट नहीं संभाल पाएगा। उम्मीदें होती है कि यह अदालत दंगा रोक सकती है, हम केवल एक बार कुछ हो जाने के बाद ही कुछ कर सकते हैं, हम पर एक तरह का दबाव महसूस होता है।
सीजेआई एसए बोबड़े ने बताया कि ऐसा लगता है जैसे कि अदालत जिम्मेदार है, हम अखबारों को भी पढ़ते हैं, हम इस मामले को सुनेंगे लेकिन यह समझना होगा कि अदालत घटना के बाद आती है। कोर्ट इसे रोक नहीं सकता, हम शांति की अपील करते हैं लेकिन हम जानते हैं कि हमारी भी शक्तियों की सीमाएं हैं।
वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने चीफ जस्टिस एसए बोवड़े को बताया कि हर्ष मंदर और पांच पीड़ितों की ओर से याचिका दाखिल की गई है। इस मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है। रोजाना लोग मारे जा रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने हिंसा भड़काने वाले बयान दिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ देर मामले की सुनवाई कर 6 हफ्ते के लिए मामले को टाल दिया।
हाई कोर्ट में बेवजह सुनवाई टलने का दावा कर रहे वकील कॉलिन गोंजाल्विस से मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई शरद अरविंद बोबड़े ने कहा है कि हाई कोर्ट ने किसी वजह से ही सुनवाई टाली होगी। हमने उनका आदेश नहीं देखा। सीजेआई ने यह भी कहा है कि कोर्ट दंगे नहीं रोक सकता, लेकिन माहौल ऐसा बनाया जाता है जैसे दंगा होने में कोर्ट की ही कोई गलती हो।
बता दें कि बीते दिनों बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक बयान दिया था। उनके बयान को विपक्ष ने उकसाने वाला बताया था। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास जो धरना प्रदर्शन जारी था, उसके खिलाफ कपिल मिश्रा ने बयान दिया कि अगर तीन दिनों में ये धरना खाली नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे और फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे। कपिल मिश्रा जब ये बयान दे रहे थे, तब दिल्ली पुलिस के अफसर भी उनके साथ खड़े थे।